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Rajasthan BY- Elections: BJP के लिए 'गेम चेंजर' साबित होंगे हनुमान बेनीवाल ! खींवसर सीट पर यूं बदलें समीकरण

राजस्थान में सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल का दबदबा देखने को मिल रहा है। खींवसर सीट पर उनकी आरएलपी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर दे सकती है। क्या हनुमान बेनीवाल फिर से जीत का परचम लहराएंगे? जानें उपचुनाव की जानकारियां।

Rajasthan BY- Elections: BJP के लिए 'गेम चेंजर' साबित होंगे हनुमान बेनीवाल ! खींवसर सीट पर यूं बदलें समीकरण

राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनवव की सरगर्मी तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी-कांग्रेस के बीच टक्कर मानी जा रही है तो आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल पर भी सभी की नजरें टिकी हैं। उन्होंने पहले विधायक और फिर लोकसभा चुनाव जीतकर दूसरी बार ये बता दिया कि वह पार्टी का गणित बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं। दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनावों में बेनीवाल ने खींवसर सीट से जीत हासिल की थी। जबकि 2019 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त भी इस सीट पर उपचुनाव हुआ था और बेनीवाल ने जीत का परचम लहराया था। यहां से उनके भाई नारायण बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में हर कोई जानने को बेताब है खींवसर सीट से वह किसे मैदान में उतारते हैं। 

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बीजेपी को चुनौती देंगे बेनीवाल 

वैसे तो लोकसभा चुनाव में बेनीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधनकर मैदान में थे और जीत हासिल की थी लेकिन उपचुनाव में दोनों दल गठबंधन करेंगे या नहीं इस बर संशय बरकरार है। न अभी तक बेनीवाल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आई न ही कांग्रेस की तरफ। हालांकि हनुमान बेनीवाल साफ कर चुके हैं, अगर बीजेपी को हराने के लिए उन्हें सातों सीट पर प्रत्याशी उतारने की जरूरत पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगे। खींवसर सीट की बात करें तो सूत्र मानते हैं वह अपने परिवार से किसी सदस्य को मैदान में उतार सकते हैं, क्योंकि 2019 में भी ऐसा ही पैर्टन देखने को मिला था। उन्होंने अपने भाई को चुनाव लड़वाया था। हालांकि उन्हें सार्वजनिक मौकों पर कहते सुना गया है कि वह चाहते हैं उनके परिवार से नहीं बल्कि कोई और उम्मीदवार मैदान में उतरें। 

खींवसर सीट पर बीजेपी की मेहनत

लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी खींवसर सीट पर सक्रिय है। कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचा रहे हैं। अगल पिछले चुनावों पर नजर डालें तो हनुमान बेनीवाल ने हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी प्रत्याशी रेवंतराम डांगा को मात दी थी, हालांकि वोटों का अंतर ज्यादा नहीं था। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि वह इस सीट पर जीत का परचम लहरा सकती है। वहीं, अगर बीजेपी-कांग्रेस और आरएलपी अलग-अलग प्रत्याशी मैदान में उतारते हैं तो मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा। 

खींवसर सीट के समीकरण

अगर जातीय समीकरण पर नजर डालें तो खींवसर सीट जाट बहुल क्षेत्र है। इसके बाद अनुसूचित जाति के वोटर्स आते हैं। यहां पर एक लाख से ज्यादा जाट वोटर हैं। जबकि अनुसूचित वोटर लगभघ 66 हजार के करीब है। वहीं, राजपूत वोटर्स 30 हजार तो अन्य जातियों के वोट 80 हजार हैं।