Rajasthan By-elections: चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका ! बेनीवाल की चाल और BAP के तेवर ने बढ़ाई टेंशन
राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस बड़ी मुश्किल में फंस गई है। RLP और BAP के अलग से चुनाव लड़ने की घोषणा से कांग्रेस गठबंधन पर संकट मंडरा रहा है। यहां जानें कांग्रेस की मुश्किल।
राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद से माहौल गरमा किया है। शुक्रवार यानी 18 अक्टूबर से नामांकन का दौर शुरू हो गया है। ये प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक चलेगी। वहीं, जैसे ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ बीजेपी से लेकर कांग्रेस टिकट दावेदारों की की जोर आजमाइश शुरू हो गई है। बीजेपी ने ऐलान किया है, वह सीत सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी लेकिन कांग्रेस अभी भी बीच मझधार में फंसी नजर आ रही है। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा कई बार बयान दे चुके हैं,कांग्रेस सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
कांग्रेस पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि उसने जिन दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था वे अब अलग मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। यदि कांग्रेस RLP-BAP के साथ मैदान में उतरती है तो उसका रिपोर्ट कार्ड खराब होना बिल्कुल तय है। सूत्रों की मानें तो हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस से दो सीटों की मांग की है जबकि बीएपी ने भी तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। ऐसे में सात में से पांच सीटें देना कांग्रेस के पक्ष में नही हैं, जिस वजह से आसमंजस की स्थिति है।
ये भी पढ़ें- Rajasthan By-Election: रोत के बाद कौन होगा BAP का उम्मीदवार ? सस्पेंस बरकार, क्या कहते हैं समीकरण? जानें
कांग्रेस के सामने चुनौतियों का अंबार
हनुमान बेनीवाल ने खींवसर सीट से चुनावों की तैयारियां तेज कर दी हैं। यहां पर उनका प्रभाव माना जाता है। वह लगातार बीजेपी पर हमलावर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए चाहे जितने घूंट जहर के पीने पड़े, वह बिना सोचे उसे पीएंगे। वहीं, गठबंधन पर कहा कि अगर बीजेपी को हराने की इस लड़ाई में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की जरूरत पड़ी तो वह हर सीट पर प्रत्याशी उतारेंगे। इससे इतर लोकसभा चुनावों में भारत आदिवासी पार्टी को कांग्रेस ने समर्थन दिया था। जिसके चलते राजकुमार रोत ने बांसवाड़ से जीत हासिल की थी। हालांकि उपचुनाव को लेकर रोत ने साफ किया है बीएपी चौरासी और सलूंबर सीट पर प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने साफ कर दिया बीएपी कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी हालांकि बीएपी देवली उनियारा सीट से भी चुनाव लडे़गी, ऐसे में कांग्रेस बाहर से अपना समर्थन दे सकती है।
मुश्किलों में फंसी कांग्रेस
उपचुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। वैसे ही कांग्रेस की टेंशन भी बढ़ती जा रही है। चार सीटों को लेकर कांग्रेस में कन्फ्यूजन बरकरार है। ये सीटें खींवसर, चौरासी, सलूंबर और देवली उनियारा हैं। इन चार सीटों पर स्थानीयों पार्टी बीएपी और आरएलपी का प्रभाव है। कांग्रेस चाहती है इन सीटों पर वह अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन रोत और बेनीवाल का रूख देते हुए कांग्रेस पेशोपेश की स्थिति है। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन गठबंधन को लेकर अभी तक कोई भी बैठक नहीं हुई है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा, उपचुनाव में कांग्रेस क्या रणनीति अपनाती है।