Rajasthan News: ' गाय सियासत नहीं आस्था का विषय', किस पर भड़के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत?
राजस्थान में गायों को "राजमाता" का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ रही है। पशुपालन मंत्री जोरा राम कुमावत ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र में गायों को राजमाता का दर्जा देने के कानून का अध्ययन किया जा रहा है।
खबर राजस्थान से है। जहां बीते दो दिनों से उपचुनाव से ज्यादा काऊ पॉलिटिक्स हो रही है। पिछले दिनों भजनलाल सरकार ने गवंशों को अवारा कहने पर रोक लगा दी थी। जिसके साथ कहा गया था कि अब गायों को निराश्रित कहकर पुकारा जायेगा। जिसके बाद प्रदेश में गाय को राज्यमाता का दर्जा देने की मांग ने जोड़ पकड़ लिया। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के आला-अफसरों से गाय को राज्यमाता का दर्जा देने के लिए बनाये गये कानून पर जानकारी ली। इसी बीच पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत का बड़ा बयान सामने आया है। कुमावत ने कहा कि, गाय को राज्यमाता का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है, अगर संभव होगा तो सरकार इस बारे में विचार करें। गाय सियासत नहीं हमारी आस्था का विषय है।
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'गोवंश तस्की रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध'
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने आगे कहा कि जब से राजस्थान में बीजेपी सरकार आई है तबसे से गोवंश संरक्षण पर लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, गायों से बने उत्पादों के प्रचार की जरूरत है। इससे इतर उन्होंने राजस्थान में हो रहे गो तस्करी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस बारे में कठोर कानून बनाने की जरूरत है ताकि तस्कर ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में गाय को राज्यमाता का दर्जा देने का जिक्र करते हुए कहा कि हम वहां के कानून का अध्यन कर रहे हैं। हो सकेगा तो इसे अमल में भी लाया जाएगा।
महाराष्ट्र ने गाय को कब दिया राज्यमाता का दर्जा
गौरतलब है, इस साल महाराष्ट्र में चुनाव होने हैं ठीक इससे पहले शिंदे सरकार ने सितंबर महीने में कैबिनेट बैठक में गाय को राज्यमाता का दर्जा देने का फैसला लियाथा। वहीं, साथ ही गाय के लिए काम कर रही गोरक्षण संस्थाओं को भी सरकर सब्सिडी देगी। गाय को राज्यमाता का दर्जा देने के पीछे महाराष्ट्र सरकार ने वैदिक काल का जिक्र करते हुए कहा था कि भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है। जिसे देखते हुए ये फैसल लिया गया है।