Rajasthan By-Election: 'कनिका बेनीवाल जीतेंगी चुनाव', जानें बीजेपी के लिए खींवसर की जनता का मिजाज
राजस्थान के खींवसर में उपचुनाव हनुमान बेनीवाल के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल बीजेपी के रेवंत डांगा से मुकाबला कर रही हैं। जानिए स्थानीय लोगों की राय और इस चुनाव के समीकरण।
राजस्थान की सात सीटों पर भले उपचुनाव हो रहा है पर सुर्खियों में हनुमान बेनीवाल का गढ़ खींवसर है। जहां से नागौर सांसद की पत्नी कनिका बेनीवाल मैदान में हैं। बीजेपी ने बेनीवाल को चुनौती देने के लिए रेवंत डांगा पर दांव खेला हैं,जो बीते विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल से मात्र दो हजार वोटों से हार गए थे। उपचुनाव में आरएलपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जबकि बीजेपी ने भी बेनीवाल के गढ़ में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। सभी राजनीतिक दल जीत का दंभ भर रहे हों लेकिन खींवसर की जनता क्या कहती है, पढ़िये भारत रफ्तार की स्पेशल रिपोर्ट में।
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बेनीवाल के लिए क्या है जनता की राय ?
खींवसर की जनता का मिजाज जानने जब भारत रफ्तार की टीम पहुंची तो लोगों ने बीजेपी से लेकर हनुमान बेनीवाल पर खुलकर बात की। स्थानीयों ने कहा कि बीते कई सालों से खींवसर पर बेनीवाल राज कर रहे हैं। उनसे मिलने के लिए किसी खास परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती। किसानों का दुख समझते हैं और जनता को क्या चाहिए। वहीं, बीजेपी के बटोगे पर कटोगे नारे पर कहा कि केंद्र-राज्य में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में ये लोग केवल जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। जातिवाद के जनता को ये खुद बंटाने चाह रहे हैं।
गठबंधन पर भी जनता ने रखी राय
वहीं, हनुमान बेनीवाल के कांग्रेस-बीजेपी के साथ गठबंधन पर जनता ने कहा कि उन्होंने ये सब अपने लिये नहीं बल्कि जनता के लिए किया है। इस दौरान कई लोग कांग्रेस कार्यकाल की तारीफ करते दिखे। कहा बीजेपी कहती है किसानों की कर्जमाफी करेंगे सरकार को 10 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया लेकिन आज तक कुछ नहीं किया गया। जमीनी स्तर पर आज भी किसान परेशान है, कर्जमाफी तो दूर की बात है। खींवसर की जनता उन्हें पसंद करती है जो आम लोगों के साथ खड़े रहेते हैं। गौरतलब है, पत्नी को चुनाव लड़ाने पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों हनुमान बेनीवाल पर परिवारवाद का आरोप लगा रही है लेकिन खींवसर की जनता का कहना है, ये आम लोगों की राय थी कि खींवसर का विधायक बेनीवाल परिवार से हो।
आसान नहीं बेनीवाल की राह
बता दे,भले जनता हनुमान बेनीवाल के साथ नजर आ रही है लेकिन इस बार बेनीवाल की राह बिल्कुल भी आसान नहीं है। पिछले विधानसभा नतीजों पर नजर डालें तो कभी हजारों वोटों से जीतने वाले आरएलपी प्रमुख दो हजार वोट से जीते थे,उन्हें कुल 79 हजार वोट मिले थे। जबिक डांगा को 77 हजार। ऐसे में बेनीवाल के लिए रेवंत डांगा बड़ी चुनौती के रूप में उभरे हैं। बहरहाल, खींवसर की संग्राम कौन जीतेगा ये 23 नवंबर को पता लग जायेगा।