Rajasthan By-Election: 'सनातन धर्म को तोड़ने वाले नहीं जीतेंगे', रोत के लिए क्या कहती है सलूंबर की जनता ? जानें यहां
राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें सलूंबर सीट सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है। बीजेपी, कांग्रेस और राजकुमार रोत की BAP पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। जानिए इस सीट के समीकरण और स्थानीय लोगों की राय।
राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने है। दौसा-झुंझुनूं के साथ सलूंबर सीट हॉट सीट बनी हुई है। यहां पर बीजेपी-कांग्रेस को चुनौती देने के लिए राजुमार रोत की पार्टी भारतीय आदिवासी (BAP) मैदान में है। बीजेपी ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा के पत्नी शांता देवी को टिकट देकर सहानूभुति बंटोरने की कोशिश की है तो कांग्रेस ने रेशमा मीणा को प्रत्याशी बनाया। इससे इतर बीएपी की बात करें तो राजकुमार रोत ने युवा चेहरे को मौका देते हुए जीतेश कटारा को चुना। ऐसे में इस सीट पर तगड़ी फाइट मानी जा रही है, इस बार सलूंबर का माहौल क्या,जानते हैं भारत रफ्तार की Exclusive रिपोर्ट में।
'BAP सनातन धर्म को तोड़ने की बात करते'
स्थानीय अनिल ने बताया कि यहां पर बीजेपी 15 साल से काबिज है। चाहे लोकसभा हो या फिर विधानसभा। नगरपालिका में 30 साल तक बीजेपी थी, इस बार थोड़ा झुकाव कांग्रेस के लिए भी है लेकिन जनता बीजेपी के साथ है। वहीं, बीएपी पर कहा कि उनकी विचारधारा बिल्कुल अलग है ,वह सनातन धर्म को तोड़ने की बात करते हैं। हालांकि सलूंबर की जनता समझदार है, यहां के आदिवासी भी बीजेपी के साथ है।
'बीजेपी ने किया जनता क विकास'
सरिश जैन से कहा कि जब से सलूंबर में बीजेपी सत्ता में आई है,विकास हो रहा है। पहले जिन सड़कों को बनने में 10 साल लग जाते थे, वह आज 10 महीनों में बनकर तैयार हो गई हैं। सलूंबर की जनता को केवल विकास चाहिए,जो बीजेपी कर रही है। वहीं, राजकुमार रोत के भील अलग प्रदेश बनाने और हिंदू धर्म के न मानने वाले बयानों से सलूंबर की जनता में नाराजगी दिखी। मनोहर उस्ता नाम ने कहा, सलूंबर में बीजेपी आयेगी, हिंदू होकर जो कहते हैं वो सनातनी नहीं है वो गलत है। ये हिंदुस्तान में पैदा हुए लेकिन इस तरह की बातें करना नेताओं को शोभा नहीं देता। बीजेपी को टक्कर कांग्रेस दे सकती है क्योंकि जनता कभी भील प्रदेश के लिए तैयार नहीं है।
सलूंबर सीट का समीकरण
इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की गूंज जयपुर तक है। जनता की राय भले बीजेपी के साथ हो लेकिन बीएपी को हल्के लेने की गलती बीजेपी बिल्कुल भी नहीं कर सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान किया था। जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी तो बीएपी प्रत्याशी 51 हजार वोट पाने में सफल रहे थे। पिछले चुनावों में देखा गया है कि बीएपी कांग्रेस-बीजेपी के वोट शेयर काटने में कामयाब रही है। आकड़ों पर नजर डालें तो चाहे चुनाव लोकसभा या विधानसभ का, बीएपी ने वोट में सेंध लगाई है। 2013 में बीजेपी का वोट प्रतिशत 56 फीसदी था तो 2023 में घटकर 37 फीसदी तक पहुंच गया। बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा इस सीट पर कौन विजयी होता है।
भारत रफ्तार के लिए सूलंबर सीट से मनीष गौड़ की स्पेशल रिपोर्ट