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Ranthambore में फिर बाघ का आतंक! दुर्ग में बाघिन का डेरा, वन विभाग की लापरवाही, कब जागेगा प्रशासन?

सूचना मिलने के बाद, वन विभाग की टीम लगभग डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची और किले में फंसे लगभग 500-700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। वन कर्मियों ने शोर-शराबा करके बाघिन और उसके शावकों को किले से भगाया।

Ranthambore में फिर बाघ का आतंक! दुर्ग में बाघिन का डेरा, वन विभाग की लापरवाही, कब जागेगा प्रशासन?

रणथंभौर का किला, जो पर्यटकों के लिए बाघ दर्शन का प्रमुख स्थल है, पिछले कुछ दिनों में दो बार बाघ के हमलों का गवाह बना है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई है। स्थानीय लोग इस बढ़ती घटनाओं के लिए वन विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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बाघिन का श्रद्धालु पर हमला

बुधवार शाम, रणथंभौर किले में अचानक हलचल मच गई जब बाघिन ऐरोहेड टी-84 अपने तीन शावकों के साथ किले में प्रवेश कर गई। इस दौरान, बाघिन के एक शावक ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने आए एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि शावक ने केवल हल्का झपट्टा मारा, जिससे श्रद्धालु की कमीज फट गई और उसे हल्की खरोंच आई। हालांकि, बाघिन अपने शावकों के साथ लगभग डेढ़ घंटे तक किले में मौजूद रही, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।

शोर-शराबा को कर बाघिन को भगाया

सूचना मिलने के बाद, वन विभाग की टीम लगभग डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची और किले में फंसे लगभग 500-700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। वन कर्मियों ने शोर-शराबा करके बाघिन और उसके शावकों को किले से भगाया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वन विभाग को बाघिन के किले में आने की सूचना साढ़े चार बजे के आसपास दे दी गई थी, लेकिन टीम लगभग दो घंटे बाद पहुंची। इस दौरान किले में मौजूद लोग दहशत में रहे।

वन विभाग की लापरवाही

ये घटना शनिवार को उलियाणा गांव में हुए एक अन्य बाघ हमले के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने बाघ को पीट-पीटकर मार डाला था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग ने शनिवार की घटना से कोई सबक नहीं लिया और बुधवार को भी उनकी लापरवाही साफ दिखाई दी।

सभी श्रद्धालू सुरक्षित

पर्यटकों ने चिंता जताई कि अगर कोई बड़ी घटना होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? रणथंभौर टाइगर रिजर्व के डीएफओ रामानंद भाकर ने बताया कि बाघिन के शावक ने श्रद्धालु पर हमला किया था, जिससे उसे हल्की चोटें आई हैं। रणथंभौर के आरोपीटी रेंज के रेंजर कैलाश शर्मा ने पुष्टि की कि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है और बाघिन को भी भगा दिया गया है।