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रतनगढ़ के वार्डवासी जल संकट से परेशान पार्षद ने टंकी में उतर कर जताया विरोध

राजस्थान के रतनगढ़ कस्बे के वार्ड 23 और 24 में पिछले एक हफ्ते से पीने के पानी की भारी किल्लत हो रही है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। जलदाय विभाग की लापरवाही के खिलाफ पार्षद लालचंद प्रजापत ने अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए पानी की टंकी में उतरकर अपनी नाराजगी जताई। विधायक पूसाराम गोदारा की दखल के बाद अधिकारियों को जल्द समाधान का निर्देश दिया गया। 

रतनगढ़ के वार्डवासी जल संकट से परेशान पार्षद ने टंकी में उतर कर जताया विरोध

रतनगढ़ कस्बे के वार्ड 23 और 24 के लोग पिछले एक हफ्ते से पीने के पानी की भारी किल्लत झेल रहे हैं। क्षेत्र में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है, जिससे वार्डवासियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग की उदासीनता से परेशान होकर, वार्ड 23 के पार्षद लालचंद प्रजापत ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने गोरीसरियों की ढाणी में स्थित कुएं के पास पानी की टंकी में उतरकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

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जनता का गुस्सा और विधायक की दखल

वार्डवासियों ने पार्षद के समर्थन में एकत्र होकर जलदाय विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जब यह खबर विधायक पूसाराम गोदारा तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। विधायक गोदारा ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को बुलाकर, दो दिनों के भीतर पानी की आपूर्ति को ठीक करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिन के भीतर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसमें वह स्वयं शामिल होंगे। उनकी समझाइश के बाद, पार्षद प्रजापत टंकी से बाहर निकले।

विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी

पार्षद प्रजापत ने बताया कि उन्होंने कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसलिए उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा। इस घटना के दौरान, पुलिस और स्थानीय निवासियों की भी मौजूदगी रही।

सिरसला गांव में रात्रि चौपाल में समाधान की पहल

उधर, सिरसला गांव में एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने रात्रि चौपाल आयोजित कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। इस चौपाल में पानी, बिजली, शिक्षा और विकास से जुड़ी समस्याओं को लेकर कई शिकायतें सामने आईं। एसडीएम सिंह ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। राज्य सरकार की नीतियों पर जोर देते हुए, उन्होंने अधिकारियों को आमजन की समस्याओं को गंभीरता से लेने की बात कही। इस अवसर पर बीडीओ महेन्द्र भार्गव, नायब तहसीलदार चुन्नीलाल, पीए सुरेश कुमार, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

राजस्थान के अन्य हिस्सों में भी पानी की समस्या

राजस्थान के दौसा जिले में पानी की किल्लत अब एक पुरानी और गंभीर समस्या बन चुकी है। गांवों के साथ ही दौसा सिटी भी पानी की कमी से जूझ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी बदतर हैं। खासकर महिलाएं इस संकट से सबसे अधिक प्रभावित हैं, क्योंकि पानी की कमी ने न केवल घरेलू जीवन बल्कि कृषि और पशुपालन को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि कई गांवों में उपलब्ध पानी खारा है, जो पीने के योग्य नहीं है। यही खारा पानी खेती के लिए भी अनुपयोगी साबित होता है। इस वजह से पीने के पानी के लिए टैंकरों का सहारा लेना पड़ता है। यह व्यवस्था न केवल महंगी है, बल्कि स्थायी समाधान का विकल्प भी नहीं है। चुनाव के समय नेताओं के दौरे होते हैं और आश्वासन मिलते हैं, लेकिन जल संकट का स्थायी समाधान अब तक नहीं हुआ है।