पूर्व मंडल अध्यक्ष गैंदीलाल मीना पर हमला प्रशासन पर उठे सवाल, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
जयपुर के पास स्थित लालपुरा गांव में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष गैंदीलाल मीना की हत्या से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मंगलवार शाम को पाटन चौराहे पर सब्जी खरीदते समय उन पर 5-6 हमलावरों ने जानलेवा हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान बुधवार को जयपुर के अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।
जयपुर के पास बांसखोह ग्राम पंचायत के उगावास के लालपुरा गांव निवासी और भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष, गैंदीलाल मीना की बुधवार को जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और असुरक्षा की भावना को जन्म दे दिया है। घटना के बाद मृतक के भाई, भूराराम, ने तूंगा पुलिस थाने में पांच से छह लोगों पर मारपीट और जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।
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सब्जी खरीदते समय हमला
घटना मंगलवार शाम की है जब गैंदीलाल मीना पाटन चौराहे के पास स्थित एक दुकान पर सब्जी खरीद रहे थे। अचानक, एक कार में सवार पांच से छह लोग वहां पहुंचे, जिनमें से तीन ने अपने चेहरे को कपड़े से ढक रखा था। ये लोग कार से उतरकर गैंदीलाल पर हमला करने लगे। हमले में रामबक्स मीना, गंगाधर मीना और तीन अन्य लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हमला इतना तीव्र था कि गैंदीलाल बेहोश हो गए। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने घायल गैंदीलाल को तुरंत बांसखोह सीएचसी पहुंचाया। लेकिन, गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान बुधवार शाम को उनकी मृत्यु हो गई।
हमलावरों की तलाश जारी, माहौल गरमाया
घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम गठित की है और मामले की जांच की जा रही है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है, और भाजपा समर्थकों में गहरा रोष है। मृतक गैंदीलाल मीना पहले बस्सी पूर्वी मंडल भाजपा के अध्यक्ष रह चुके थे, और उन पर पहले भी हमले हो चुके हैं। गत विधानसभा चुनाव के दौरान पाटन रोड पर हुए एक अन्य हमले में भी उन्हें गंभीर चोटें आई थीं।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीना ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिनदहाड़े इस तरह की घटनाओं से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गैंदीलाल की हत्या ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा छेड़ दी है, और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।