कब बुझेगी मंडा बासनी की प्यास? 20 साल का टांका, डेढ़ साल से सूखा, जानें पूरा मामला
गांव में 20 साल पहले बना सार्वजनिक टांका पिछले डेढ़ साल से सूखा पड़ा है।
डीडवाना, राजस्थान। कहते हैं पानी बिन जीवन असंभव है, लेकिन डीडवाना जिले के मंडा बासनी गांव के लोगों के लिए पानी एक सपने जैसा हो गया है। गांव में 20 साल पहले बना सार्वजनिक टांका पिछले डेढ़ साल से सूखा पड़ा है। टूटे नल, जर्जर दीवारें और सूखा तल, इस टांके की दुर्दशा बयां करते हैं। गांव वालों के लिए ये टांका सिर्फ एक पानी का स्रोत नहीं, बल्कि उनकी उम्मीदों का प्रतीक था। लेकिन आज यह उम्मीदें धूल में मिलती नजर आ रही हैं।
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डेढ़ साल से पानी की बूंद के लिये तरसे
सुखाराम मंडा, जिनके घर के पास ये टांका बना है, बताते हैं, "पहले तो कभी-कभार पानी आता था, लेकिन पिछले डेढ़ साल से तो एक बूंद भी नहीं आई।" उनकी आंखों में पानी की तलाश साफ दिखाई देती है। मजबूरी में लोगों को महंगे दामों पर पानी के टैंकर मंगवाने पड़ते हैं। गांव के कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास पानी जमा करने का कोई साधन नहीं है, उनके लिए तो यह टांका जीवन रेखा थी जो अब सूख चुकी है।
समस्या जस की तस
ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति हुई। एक-दो बार पानी तो चला, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। लगता है जैसे प्रशासन के कानों तक गांव वालों की प्यास की पुकार नहीं पहुंच रही। क्या मंडा बासनी की प्यास बुझाने के लिए कोई मसीहा आएगा या फिर ये टांका हमेशा के लिए सूखा रह जाएगा ? ये सवाल अब भी सिर्फ हवा में लटका हुआ है।
रिपोर्ट- मो. साकिर बेहमिल