Udaipur News: उपराष्ट्रपति ने बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि, जनजाति समाज का बढ़ाया मान
उपराष्ट्रपति ने बिरसा मुंडा के जीवन को राष्ट्रवाद का संदेश बताते हुए लोगों से उन्हें आदर्श मानने का आह्वान किया।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उदयपुर के कोटड़ा में आयोजित जनजाति गौरव महोत्सव में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें देश की स्वतंत्रता, जनजाति स्वाभिमान और मिट्टी की मर्यादा के लिए अविस्मरणीय योगदान देने वाला महापुरुष बताया।
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"अगुआ राज" का नारा
उन्होंने कहा कि मात्र 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा ने देश और समाज के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उनका "अगुआ राज" का नारा, जिसका अर्थ है "हमारा शासन", उनकी दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। उनकी "जल, जंगल, जमीन" की त्रिवेणी ने सांस्कृतिक सोच को सारगर्भित रूप में प्रस्तुत किया।
भूले-बिसरे नायकों को किया याद
उपराष्ट्रपति ने बिरसा मुंडा को धरती का पुजारी और पर्यावरण का हितैषी बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सर्वोच्च पद पर आसीन होना जनजाति समाज के लिए गर्व की बात है। ये अधिकार का उपयोग है, बख्शीश नहीं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भूले-बिसरे नायकों को याद किया जा रहा है और बिरसा मुंडा की जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाना इसी का प्रमाण है।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
उपराष्ट्रपति ने बिरसा मुंडा के जीवन को राष्ट्रवाद का संदेश बताते हुए लोगों से उन्हें आदर्श मानने का आह्वान किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि कानून में बदलाव के बाद अब नीति निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
जनजाति प्रतिभाओं का सम्मान
उपराष्ट्रपति ने भारत माता और बिरसा मुंडा के जयकारों के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने जनजाति प्रतिभाओं का सम्मान किया, पौधारोपण किया, लोक कलाकारों का हौसला बढ़ाया और वनांचल उत्पादों तथा हस्तशिल्प कलाकृतियों की सराहना की। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बिरसा मुंडा को जनजाति गौरव का प्रतीक बताया और सरकार के जनजाति संस्कृति और सम्मान के प्रति प्रयासों की सराहना की।