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बदायूं में प्रत्याशियों की जीत के दावे पर दो वकीलों में भिड़त, स्टैम्प पेपर पर शर्त दर्ज कर तय की धनराशि

आपने चुनाव में पार्टियों द्वारा जीत-हार के दावों के वादे तो खूब सुने होंगे। लेकिन बदायूं में भाजपा और सपा के प्रत्याशियों के जीत-हार के दावे पर, दो वकीलों ने ताल ठोकी है। नेता भले ही जीत-हार के दावे करें, लेकिन लिखित में बात होती, आपने नहीं सुनी होगी। लेकिन बदायूं में दोनों पक्ष के वकीलों ने धनराशि तय करके शर्त लगाई है और साथ ही स्टांप पेपर पर कॉन्ट्रैक्ट भी किया है। जिसकी चर्चा अब काफी सुर्खियां बटोर रही है।

बदायूं में प्रत्याशियों की जीत के दावे पर दो वकीलों में भिड़त, स्टैम्प पेपर पर शर्त दर्ज कर तय की धनराशि
बदायूं में प्रत्याशियों की जीत के दावे पर दो वकीलों में भिड़त, स्टैम्प पेपर पर शर्त दर्ज कर तय की धनराशि

आपने चुनाव में पार्टियों द्वारा जीत-हार के दावों के वादे तो खूब सुने होंगे। लेकिन बदायूं में भाजपा और सपा के प्रत्याशियों के जीत-हार के दावे पर, दो वकीलों ने ताल ठोकी है। नेता भले ही जीत-हार के दावे करें, लेकिन लिखित में बात होती, आपने नहीं सुनी होगी। लेकिन बदायूं में दोनों पक्ष के वकीलों ने धनराशि तय करके शर्त लगाई है और साथ ही स्टांप पेपर पर कॉन्ट्रैक्ट भी किया है। जिसकी चर्चा अब काफी सुर्खियां बटोर रही है।

क्या है मामला?

बदायूं में भाजपा और सपा प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर दो अधिवक्ताओं में जंग छिड़ गई और अपने-अपने प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर दो-दो लाख रुपए की शर्त लगा ली। जिसमें दोनों अधिवक्ताओं ने लिखित में ₹10 के स्टांप पर अनुबंध भी किया है। जिसमें दो अधिवक्ता गवाह भी बने हैं। अब इन दोनों अधिवक्ताओं को 4 जून का इंतजार है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बदायूं की उझानी कोतवाली क्षेत्र के उझानी कस्बे के गौतमपुरी मोहल्ले के रहने वाले दिवाकर वर्मा उर्फ टिल्लन वर्मा वकील हैं। साथ ही वो भाजपा समर्थक भी हैं। तो दूसरी तरफ बदायूं की उझानी कोतवाली क्षेत्र के बरामालदेव गांव के रहने वाले सत्येंद्र पाल पुत्र कल्यान सिंह कचहरी में वकालत करते हैं, वो समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। दोनों अधिवक्ताओं में अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत को लेकर बहस छिड़ गई।

दो-दो लाख रुपए की लगाई शर्त
दोनों अपने प्रत्याशियों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने लगे। जिस पर दोनों ने दो-दो लाख रुपए की शर्त लगा ली। जिसका लिखित में ₹10 के स्टाम्प पेपर पर एक अनुबंध कराया गया। अनुबंध में लिखा है कि जिस समर्थक का प्रत्याशी जीतता है, तो जीतने वाले पक्ष को दो लाख रूपये, हारने वाले प्रत्याशी का समर्थक देगा। जब दोनों अधिवक्ता में शर्त लगी तो वहां भीड़ जमा हो गई, दोनों अधिवक्ताओं की तरफ से एक-एक गवाह भी बनाया गया हैं. वह भी अधिवक्ता हैं।

सभी को 4 जून का इंतजार
जब दोनों में अनुबंध हुआ तो कचहरी में काफी भीड़ जमा हो गई। अधिवक्ता दिवाकर वर्मा का कहना है कि भाजपा के दुर्विजय सिंह शाक्य जीतेंगे। जबकि अधिवक्ता सत्येंद्र पाल का कहना है कि समाजवादी पार्टी से आदित्य यादव जीतेंगे। अब दोनों अधिवक्ताओं को 4 जून का इंतजार है। फिलहाल अधिवक्ता द्वारा शर्त लगाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

रिपोर्ट: सुधीर पाल