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सदन में नेता प्रतिपक्ष होंगे राहुल गांधी, पहली बार संभालेंगे संवैधानिक पद, जानिये क्या दिखेंगे बदलाव?

विपक्ष को अब नेता प्रतिपक्ष मिल गया है,दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के घटक दलों की बैठक हुई

सदन में नेता प्रतिपक्ष होंगे राहुल गांधी, पहली बार संभालेंगे संवैधानिक पद, जानिये क्या दिखेंगे बदलाव?

बैठक के बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर जानकारी दे दी है। बैठक में लोकसभा स्पीकर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। इसके पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी को प्रतिपक्ष का नेता बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। कांग्रेस के कई नेताओं ने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग की थी। अब राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लिए गये प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

वायनाड और रायबरेली से चुनाव जीते हैं राहुल

राहुल गांधी अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार किसी संवैधानिक पद पर बैठेंगे। इस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो लोकसभा सीट वायनाड और रायबरेली ने चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव परिणाम के ऐलान के बाद राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा की सीट छोड़ दी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रियंका गांधी वायनाड से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।

बैठक में ये लोग हुए शामिल

इस बैठक में कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन एवं कल्याण बनर्जी, समाजवादी के रामगोपाल यादव, डीएमके के टीआर बालू, आरजेडी के सुरेंद्र यादव, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, शिवसेना (UBT) के अरविंद सावंत, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल उपस्थित थे।

सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर को लिखा पत्र

के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर को पत्र लिखकर बताया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। उन्होंने कहा कि अन्य पदाधिकारियों के नामों का ऐलान बाद में किया जाएगा।कांग्रेस ने यह फैसला 18 वीं लोकसभा के विशेष सत्र शुरू होने के दूसरे दिन लिया है। पिछले दो दिनों में लोकसभा के विशेष सत्र के दौरान नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई गई थी।मंगलवार को राहुल गांधी ने संविधान की किताब के साथ सांसद पद की शपथ ली। शपथ लेने के समय राहुल गांधी ने संविधान की प्रति लहराई और ‘जय हिंद, जय संविधान’ के नारे लगाए।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच स्पीकर पद पर घमासान

वहीं, लोकसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा स्पीकर को लेकर एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच जमकर घमासान मचा। सत्तारूढ़ दल ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया।वहीं, विपक्ष ने लोकसभा में उपाध्यक्ष पद की मांग रखी। आरंभिक बातचीत के बाद सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच स्पीकर पद पर सहमति नहीं बन पाई है। दूसरी ओर, कांग्रेस की ओर से के सुरेश को स्पीकर पद का प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया गया।

एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस को आपत्ति

हालांकि कांग्रेस के प्रस्ताव पर एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस की आरंभिक आपत्ति के बीच मंगलवार को शाम को इंडिया ब्लॉक के घटक दलों की बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।

10 साल से खाली था नेता प्रतिपक्ष का पद

दरअसल लोकसभा में 10 साल के लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद अधिकृत रूप से मिला। जिसकी बड़ी वजह भी है, क्योंकि मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की संख्या 10 फीसदी से कम होने के कारण ये पद खाली था. इस बार कांग्रेस के 99 सांसद जीतकर आए हैं, जो लोकसभा की कुल संख्या का 18 फीसदी हैं. जिसके चलते कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष बनेगा।

विपक्ष का नेता एक संवैधानिक पद होता है

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संसद में विपक्ष का नेता एक संवैधानिक पद होता है लेकिन नेता प्रतिपक्ष का उल्लेख संविधान में नहीं बल्कि सदन के नियमों में है. संविधान के आर्टिकल 118 में स्पष्ट किया गया है कि संसद का प्रत्येक सदन अपने कामकाज के संचालन के लिए नियम बना सकता है. निचले सदन के नियम ‘Rules of Procedure and Conduct of Business in Lok Sabha’ में शामिल हैं. इसमें स्पीकर के चुनाव, बिल पेश करने की प्रक्रिया, सवाल पूछने के ढंग, आदि के बारे में बताया गया है. लोकसभा का स्पीकर समय-समय पर इनमें बदलाव करता रहता है.