किस्सा: Aniruddhacharya Maharaj को जब डॉक्टर ने दे दिया था जवाब, फिर हुआ चमत्कार, डॉक्टर्स भी हो गए थे हैरान!
Aniruddhacharya Ji Maharaj: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के साथ साल 2013 में एक बड़ा हादसा हुआ था। एक संवाद के दौरान खुद कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने इस बारें में बता करते हुए कहा था कि हम 2013 में 20 फीट ऊपर छत से गिर गए थे। हमारा पांव टूट गया। डॉक्टर ने बोला आप कभी चल नहीं पाओगे।
Aniruddhacharya Ji Maharaj: प्रसिद्ध की लाखों फैन फॉलोइंग है। अगर ये कहा जाए कि कई लोग उन्हें एक भक्त की तरह की सम्मान देते हैं, तो शायद गलत नहीं होगा। लेकिन क्या आप कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के साथ साल 2013 में हुए एक दर्दनाक हादसे के बारे में जानते है, जो उन्होंने खुद एक संवाद के दौरान साझा किया था।
जब दो मंजिल की ऊंचाई से गिरे थे अनिरुद्धाचार्य!
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के साथ साल 2013 में एक बड़ा हादसा हुआ था। एक संवाद के दौरान खुद कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने इस बारें में बता करते हुए कहा था कि ‘हम 2013 में 20 फीट ऊपर छत से गिर गए थे। हमारा पांव टूट गया। डॉक्टर ने बोला आप कभी चल नहीं पाओगे। एक पांव टूटा और एक सलामत रहा। हमने भगवान को धन्यवाद दिया कि 20 फीट ऊपर गिरने के बाद भी यदि आपने जीवित रखा है तो कुछ तो उद्देश्य होगा आपका। बगल में बड़ा पत्थर भी था। पत्थर पर ना गिरके मिट्टी पर गिरा। सिर के बल ना गिरकर कूल्हे के बल गिरा। सिर के बल गिरते तो मर जाता, नामो निशान समाप्त हो जाता। यदि बचे तो उस बचने का उद्देश्य क्या था?’
ये भी पढ़ें
आत्मबल से गलत साबित की डॉक्टर की बात
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य आज हमारे बीच तमाम लोगों के प्रेरणा बनकर मौजूद है। उन्होंने आत्मबल के सहारे डॉक्टर की बात को गलत साबित किया। उन्होंने बताया था कि ‘डॉक्टर ने बोला आप चल नहीं पाओगे। मैंने कहा प्रभु एक पांव टूटा है लेकिन एक सलामत है। जो छोड़ रखा है सलामत उसके लिए धन्यवाद। अंत में भगवान ने डॉक्टर को ऐसी प्रेरणा दी कि उन्होंने बिना ऑपरेशन किए हड्डी को तीन महीने कि लिए ईंट लटका कर छोड़ दिया, खिंच गई वो और सही जगह पर आ गई। हड्डी जुड़ गई और ठीक ठाक जुड़ गई। जिस हड्डी के टुकड़े टुकड़े हो गए, वो सही जगह पर जुड़ गई। डॉक्टर ने कहा था, आप थोड़ा लंगड़ा कर चलेंगे लेकिन मैं लंगड़ाता भी नहीं हूं। कबड्डी भी खेल लेता हूं और दौड़ भी लेता हूं। डॉक्टर को भी आश्चर्य हुआ कि कैसे सब कुछ हो गया, क्योंकि करने वाले भगवान थे, इसलिए ये होना ही था।
अनिरुद्धाचार्य ने किससे कहा कि मर जाओ, महंगाई कंट्रोल होगी
वो कहते हैं कि ‘आप हैं तो भगवान आपसे कुछ चाह रहे हैं कि कुछ अच्छा करें। पर आप क्या कर रहे हैं। गलत काम कर रहे हैं। मांस खाते हैं। छल कपट करते हैं। क्या ये उद्देश्य है जीवन का? इससे तो अच्छा है कि मर जाओ, जनसंख्या कम होगी, महंगाई भी कंट्रोल हो जाएगी। तो मैं मरा नहीं छत से गिर कर भी।’