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Kawad Yatra 2024: सावन माह में कांवड़ियों के पैर में पड़ जाते है छाले, इन बातों का रखें ध्यान, तो नहीं पड़ेगे छाले

Kanwar Yatra: सावन के महीने में भोले के भक्त कांवड़ यात्रा निकालते है. यात्रा के दौरान कांवड़ियों के पैर में अक्सर छाले पड़ जाते है. श्रद्धालु भक्त इसे मामूली मानते हैं. लेकिन आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो छाले से बच सकते है.

Kawad Yatra 2024: सावन माह में कांवड़ियों के पैर में पड़ जाते है छाले, इन बातों का रखें ध्यान, तो नहीं पड़ेगे छाले

सावन (Sawan 2024) शुरू होनो के पहले से ही देश के कई राज्यों में कांवड़ यात्रा (Kavar Yatra) को लेकर भव्य माहौल तैयार हो चुका है. कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त कंधे पर गंगाजल वाले कांवड़ को लेकर नंगे पैर लंबी दूरी तक पैदल चलते हैं. अलग-अलग तरह के रास्ते पर पैदल चलने की वजह से  पैरों में होने वाले छाले होना आम बात है. हालांकि, शिव भक्त इसे मामूली मानते हैं, लेकिन इन बातो का ध्यान रख कर पैरों को छाले से बचाया जा सकता हैं. आइए, जानते हैं कैसे पैरों को छाले से बचा सकते हैं.

 

पैरों में छाले को होतो है 

ज्यादातर घर्षण और दबाव के मिश्रण से पैरों पर छाले होने की संभावना अधिक होती है. जब पैरों की त्वचा लगातार जूते, मोजे या खुरदरी सतह से रगड़ी जाती है, तो अक्सर जलन और सूजन हो जाती है. इसका परिणाम दर्द, सूजन और लालिमा होता है. छाले से पहले आमतौर पर पैरों पर लाल घाव हो जाता है.

 छाले से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त इन बातों ध्यान रखकर पैर में होने वाले छालों से बच सकते है. 

1. अगर आपके पैरों में पहले से ही कोई समस्या है तो आपको डॉक्टर से सलाह ले. 
2. कांवड़ यात्रा पर जाने से पहले नंगे पैर चलना शुरू कर दें.
3. अपने साथ एक गर्म पट्टी लें और जरूरत पड़ने पर उसे बांध लें.  
5. अपने पैरों को हाइड्रेटेड रखना न भूलें.
6. यात्रा से पहले आपको पैरों की तेल या क्रीम से मालिश करनी चाहिए. 
7. अगर सफर के दौरान आपके पैर गीले हो जाएं तो उन्हें पोंछकर सुखा लें.
8.  सड़क पर तेज गति से न चलें, समय-समय पर ब्रेक लें. 
9.  यात्रा के दौरान शिविरों में रुकते वक्त अपने पैरों को नमक के साथ गर्म पानी में भिगो सकते हैं.
10. यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी या जूस  पीते रहे

छाले ठीक कराने का इलाज

ज्यादार छाले एक दिन से एक सप्ताह के अंदर अपने आप ठीक हो जाते है. छाले के अंदर एक फोटने की अशंका लगातार बनी रहती है. इसके अंदर तरल पदार्थ भरा होता है. जिसके बाहर आने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. लगातार पैर रगड़े और घर्षण की वजह से पैर की निचली परत और ऊपरी परत में अलग हो जाती है. इसलिए छाले पड़ने पर उसे दोबारा नहीं छेड़ना चाहिए. वो अपने आप ठीक हो जाएगे.