PPF Rules 2024: Public Provident Fund को लेकर हुए ये बदलाव, नाबालिगों के लिए आई अहम अपडेट
Public Provident Fund New Rules: पीपीएफ अकाउंट जिन लोगों का बना हुआ है, उनके लिए नए नियम यह साफ करते हैं कि ब्याज की गणना कैसे की जाएगी। प्राइमरी खाते में योजना की दर से ब्याज मिलता रहेगा। वो 1.5 लाख रुपये की वार्षिक निवेश सीमा के भीतर रहे।
Public Provident Fund New Rules: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) का सबसे सटीक फायदा रिटायरमेंट के लिए धन जुटाना कहा जा सकता है। पीपीएफ दरअसल, भारत सरकार की एक बचत स्कीम है। लेकिन अब इसमें एक अक्टूबर से कुछ बदलाव हो गए हैं। नए नियमों का मकसद पीपीएफ खातों के प्रबंधन को आसान बनाना कहा जा रहा है। खासतौर से नाबालिगों, कई खाते रखने वाले व्यक्तियों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के खातों से जुड़े नियम शामिल हैं। क्या बदलाव हुए हैं, चलिए आसान शब्दों में समझते हैं....
नाबालिगों के लिए नियम
बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव नाबालिगों के नाम पर खोले गए पीपीएफ खातों से जुड़ा है। नए नियमों के तहत जब तक नाबालिग 18 साल का नहीं हो जाता तब तक इन खातों में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट्स (पीओएसए) की ब्याज दर लागू होगी। 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद स्टैंडर्ड पीपीएफ ब्याज दरें लागू होंगी।
ये भी पढ़ें
पीपीएफ अकाउंट के लिए बना ये नया नियम
पीपीएफ अकाउंट जिन लोगों का बना हुआ है, उनके लिए नए नियम यह साफ करते हैं कि ब्याज की गणना कैसे की जाएगी। प्राइमरी खाते में योजना की दर से ब्याज मिलता रहेगा। वो 1.5 लाख रुपये की वार्षिक निवेश सीमा के भीतर रहे। अगर सभी खातों में कुल जमा राशि इस सीमा से कम रहती है तो दूसरे खाते में मौजूद अतिरिक्त राशि को प्राइमरी खाते में मिला दिया जाएगा। इस बदलाव का मकसद बहुत अधिक खाते रखने को हतोत्साहित करना है।
नियमों का असर
पीपीएफ को लेकर नए दिशानिर्देश उन एनआरआई के लिए भी हैं जिनके पास अभी पीपीएफ खाते हैं। ये खाताधारक परिपक्वता तक अपने खाते बनाए रख सकते हैं। उन्हें 30 सितंबर, 2024 तक केवल पोस्ट ऑफिस सेविंग अकांउट ब्याज ही मिलेगा। ये एडजस्टमेंट खासतौर से उन भारतीय नागरिकों पर असर डालेगा है जो पीपीएफ खाते सक्रिय रहने के दौरान अनिवासी भारतीय बन गए।