राजस्थान बैडमिंटन में उम्र का फर्जीवाड़ा, टूर्नामेंट के लिए चुने गए 13 खिलाड़ी ओवरएज पाए गए
राजस्थान बैडमिंटन में नेशनल लेवल के लिए चुने गए 20 में से 13 खिलाड़ी 'ओवरएज' पाए जाने पर हंगामा मच गया है। यह खुलासा तब हुआ जब अभिभावकों ने खिलाड़ियों की उम्र पर संदेह जताया। मेडिकल जांच के बाद, इन खिलाड़ियों को अपनी उम्र गलत दिखाते हुए पाया गया, जिससे असली खिलाड़ियों और उनके करियर पर बुरा असर पड़ा है।
राजस्थान बैडमिंटन जगत में हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसमें नेशनल लेवल के लिए चुने गए 20 खिलाड़ियों में से 13 खिलाड़ी 'ओवरएज' पाए गए हैं। खिलाड़ियों की उम्र को लेकर हुई इस धोखाधड़ी ने न केवल खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों को निराश किया है, बल्कि टीम चयन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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यह विवाद तब सामने आया जब कुछ खिलाड़ियों के अभिभावकों ने जम्मू में होने वाले अंडर 13 और अंडर 11 टूर्नामेंट के लिए राजस्थान की टीम में चुने गए खिलाड़ियों की उम्र पर सवाल उठाए। जयपुर बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव मनोज दासोत ने बताया कि अभिभावकों को संदेह था कि कुछ खिलाड़ी अपनी असली उम्र छुपा रहे हैं। इसलिए, राजस्थान बैडमिंटन एसोसिएशन ने खिलाड़ियों का मेडिकल टेस्ट कराने का आदेश दिया, ताकि उनकी वास्तविक उम्र की जांच की जा सके।
मेडिकल टेस्ट में हुआ खुलासा
मेडिकल जांच के दौरान 20 में से 13 खिलाड़ी ओवरएज पाए गए, जिससे 28 नवंबर से जम्मू में शुरू होने वाले अंडर 13 बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए राजस्थान की टीम का चयन अधर में लटक गया है। इस मामले से पहले भी राजस्थान में ओवरएज खिलाड़ियों द्वारा गलत उम्र दर्शाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
युवा खिलाड़ियों में निराशा, कोचों की नाराजगी
उम्र के इस फर्जीवाड़े से असली खिलाड़ियों का मनोबल गिरा है। युवा खिलाड़ी मनन शर्मा का कहना है कि गलत उम्र वाले खिलाड़ियों की भागीदारी से ईमानदार खिलाड़ियों को नुकसान होता है। एक अन्य युवा खिलाड़ी वयम लांबा ने सुझाव दिया कि इस तरह के खिलाड़ियों को खेल से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर देना चाहिए। सहायक कोच अमन कुमार कुमावत ने भी कहा कि ऐसे मामलों से असली खिलाड़ियों का करियर खतरे में पड़ता है और उनके मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
राजस्थान बैडमिंटन संघ की अपील
जयपुर बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव मनोज दासोत ने अभिभावकों से अपील की है कि वे खिलाड़ियों की उम्र को लेकर गलत जानकारी न दें, ताकि भविष्य में किसी की खेल यात्रा प्रभावित न हो। उन्होंने यह भी कहा कि सही खिलाड़ियों के साथ भी कभी-कभी अनुचित व्यवहार हो जाता है, जिससे उनकी छवि खराब होती है।