Alwar News: सरिस्का से निकला टाइगर पहुंचा बघाना, लोगों में भारी दहशत, टीम पकड़ने में नाकाम
टाइगर हरियाणा पहुंच गया था और साबीन्द्री के निकट झाबुआ के जंगलों में पहुंच गया था ।झाबुआ के 700 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले जंगल इसे इतने भा गए कि यह वही देर जमाये रहा।
सरिस्का के बफर जोन से निकलकर आया बाघ एसटी 2303 हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से होता हुआ अलवर सीमा के गांव बघाना तक पहुंच गया है। राजस्थान और हरियाणा के वन कर्मी इस बाघ को पकड़ने मी अभी तक नाकाम रहे है।यह टाइगर 15 अगस्त को निकला था और मुंडावर के दरबार पुर गांव में चार लोगों को घायल किया था।
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दो बार कैमरे में रिकॉर्ड हुई आवाजाही
इसके बाद यह टाइगर हरियाणा पहुंच गया था और साबीन्द्री के निकट झाबुआ के जंगलों में पहुंच गया था । झाबुआ के 700 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले जंगल इसे इतने भा गए कि यह वही देर जमाये रहा। झाबुआ के जंगलों में वन विभाग ने कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। जिनमे दो बार यह टाइगर नजर आया।
अभी भी नहीं पकड़ पाई टीम
वन कर्मियों को कई बार इसकी साइटिंग भी हुई लेकिन वह कर्मी बाघ को ट्रेंक्यूलाइज नही कर सके। अब यह टिगेरझाबुआ के जंगल ने निकल कर बघाना में पहुंच गया है। यह गांव जिले के कोटकासिम में पड़ता है और वहां के गांव वालों ने टाइगर के पगमार्क देखे जाने के8 सूचना वन विभाग को दे दी थी। सरिस्का से एक टीम तुरन्त ही वहां पहुंची और एसटी 2303 के पगमार्क होने की पुष्टि कर दी।उधर चार टीम झबुआ के जंगलों में ही टिकी हुई है। हालांकि बघाना गांव में गयी टीम को बह की साइटिंग नही हुई है । वैसे वन विभाग भी अब यह मान चला है कि सरिस्का में इस बह के लिए कोई उपयुक्त जगह नही बची है। ऐसे में अब इसे ट्रेंक्यूलाइज कर बूंदी के जंगलों में भेजे जाने पर विचार चल रहा है ।अगर ऐसा हुआ तो सरिस्का में 42 टाइगर रह जाएंगे।