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करणी माता के मंदिर में चूहों को लगाया जाता है भोग.जानिए क्या है वजह

भारत आस्था का देश है. जहां कई धार्मिक स्थल हैं जो अपने आप में दिव्य और मनोरम हैं. कई ऐसे मंदिर हैं जो सदियों पुराने हैं और आज लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए देश- विदेश से आते रहते हैं. राज्यों की अगर बात करें तो आस्था और धर्म के मामले में राजस्थान का कोई जोड़ नहीं है.

करणी माता के मंदिर में चूहों को लगाया जाता है भोग.जानिए क्या है वजह

भारत आस्था का देश है. जहां कई धार्मिक स्थल हैं जो अपने आप में दिव्य और मनोरम हैं. कई ऐसे मंदिर हैं जो सदियों पुराने हैं और आज लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए देश- विदेश से आते रहते हैं. राज्यों की अगर बात करें तो आस्था और धर्म के मामले में राजस्थान का कोई जोड़ नहीं है. राजस्थान का इतिहास इतना गौरवशाली है कि उसके बारे में जितना कहें उतना कम है. यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं जो करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, इन तीर्थों में से ही एक है करणी माता का मंदिर. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. करणी माता का मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है. जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

चूहों को लगाया जाता है भोग

इस मंदिर की सबसे रोचक बात यह है कि यहां हजारों की तादात में चूहे हैं. जिनको लोग पूरी श्रद्धा के साथ भोग लगाते हैं. करणी माता के मंदिर में लगभग 20 हजार से ज्यादा चूहे रहते हैं. जिन्हें पूजा के बाद भोग लगाया जाता है. खास बात यह है कि इस मंदिर में आपको सफेद चूहे भी देखने को मिल जाएंगे. इस मंदिर सफेद चूहों का दर्शन काफी शुभ माना जाता है. ये चूहे भक्तों के बच काबा के नाम से जाने जाते हैं.

20वीं शताब्दी में हुआ था मंदिर का निर्माण

बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने 20 वी शताब्दी में करणी माता मंदिर का निर्माण करवाया था. यह मंदिर बहुत ही दिव्य और मनोरम है. मंदिर का मुख्य द्वार चांदी से बना है. साथ ही माता करणी का छ्त्र सोने का बना हुआ है. मंदिर के अंदर चांदी की बड़ी- बड़ी परतों में चूहों को भोग लगाया जाता है और मंदिर में आए भक्तों को चूहों का जूठा प्रसाद दिया जाता है. मान्यता है कि यह चूहे करणी माता के पुत्रों का अवतार है.