शिक्षा मंत्री का आदिवासियों पर बयान का मामला, मंत्री का पुतला दहन व प्रदर्शन, सीएम के नाम सौपा ज्ञापन
डूंगरपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा हाल ही में जो आदिवासी खुद को हिन्दू नहीं मानते, उनके डीएनए टेस्ट करवाने वाले बयान के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में बयानों का उफान सा आ गया है।
एक तरफ जहां भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत, बीएपी विधायक उमेश डामोर सहित अन्य नेताओं ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयानों का पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री को मंत्री पद से इस्तीफा देने और देश के आदिवासियों से माफी मांगने की बात कर डाली। तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान का समर्थन करते हुए सांसद राजकुमार रोत को आदिवासियों की आड़ में ओछी राजनीति करने के आरोप लगाया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि राजकुमार रोत अपना एजेंडा पूरे समाज पर थोप कर आदिवासी समाज को हिन्दू धर्म से अलग करना चाहते है तथा आदिवासियों के नाम पर राजनीति करके आदिवासी समाज को हिन्दू धर्म से तोड़ने की बात कर रहे है। ये आदिवासी समाज को तोड़ने की वामपंथी साजिश है जिसके बहकावे में आदिवासी समाज नहीं आएगा।
आदिवासियों ने किया प्रदर्शन
इधर, सोमवार को भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले जिले भर में आदिवासियों ने प्रदर्शन किया तथा शिक्षा मंत्री दिलावर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट पर एवं सभी ब्लॉक मुख्यालय पर मंत्री दिलावर का पुतला फूंक कर आदिवासियों ने आक्रोश जताया तथा जिला कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौपकर मदन दिलावर को मंत्री पद से हटाने और आदिवासियों से माफी मांगने की मांग रखी।
मुक्ति मोर्चा ने जताया विरोध
सोमवार को जिला मुख्यालय सहित देवल, बिछीवाड़ा, दोवड़ा, आसपुर, सीमलवाडा, सागवाड़ा सहित समस्त ब्लॉक मुख्यालय पर भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले भारत आदिवासी पार्टी व आदिवासी परिवार से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता एकत्रित हुए तथा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर आक्रोश प्रकट किया। वहीं, शिक्षा मंत्री का पुतला दहन कर मंत्री को पद से हटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।
मुकेश कलासुआ ने क्या कहा ?
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा प्रदेश प्रचारक मुकेश कलासुआ ने कहा कि आदिवासी समाज इस देश का मूल मालिक है और आज राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर आदिवासी समाज के बाप के बारे में पूछ कर डीएनए टेस्ट करने की बात कर रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार के एक बड़े मंत्री ने आदिवासियों के डीएनए टेस्ट की बात कर आदिवासियों का अपमान किया है। आदिवासी समाज सदियों पुराना इस देश का मूल मालिक होने के नाते इस देश में सभी धर्म का सम्मान करता है और मानवता में विश्वास रखने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिक्षा मंत्री ने आज इस तरह से आदिवासी समाज को अपमानित करने की बात कही है इसका समय रहते उन्हें माफी मांगनी चाहिए नहीं तो आदिवासी समाज सड़कों पर उतरेगा।
शिक्षा मंत्री के बयान से पहुंची ठेस
आदिवासी नेता कांतिलाल रोत ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिलावर द्वारा दिए गए बयान से आदिवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि आदिवासी किसी धर्म के भाग नहीं है बल्कि प्रकृति पूजक है। उन्होंने शिक्षा मंत्री द्वारा आदिवासियों के संबंध में दिए गए बयान का विरोध जताया और कहा कि शिक्षा मंत्री को आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं है और ना ही वे आदिवासियों की संस्कृति से परिचित है। उन्होंने इस तरह के बयान देकर आदिवासियों की आस्था को ठेस पहुंचाई है। शिक्षा मंत्री को देश के 15 करोड़ आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए।