राजस्थान उपचुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद राधा मोहन दास का कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा हमला
राजस्थान के उपचुनाव में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है, जहां पार्टी ने सात में से पांच सीटें जीतीं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने जीत के बाद विरोधी नेताओं पर तंज कसा और उन्हें 'फर्जी' नेता, 'चूहा' से 'शेर' बनने वाला नेता और 'लंपट' करार दिया। इसके बाद से राज्य की राजनीति में गर्मा-गर्मी बढ़ गई है और विपक्षी नेताओं के समर्थक उनके बयान का विरोध कर रहे हैं।
राजस्थान के उपचुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात में से पाँच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद भाजपा प्रदेश मुख्यालय में एक उत्साहजनक माहौल था, जहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने भाषण में, उन्होंने कांग्रेस और अन्य विरोधी नेताओं पर निशाना साधा, जिससे राजनीतिक माहौल में काफी गर्मी आ गई।
ये भी पढ़ें-
दौसा उपचुनाव में 'फर्जी' नेता पर तीखा हमला
राधा मोहन दास अग्रवाल ने दौसा उपचुनाव का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर बगैर नाम लिए तंज कसा। उन्होंने उन्हें 'फर्जी' नेता बताते हुए कहा कि जो खुद को राजस्थान का सबसे लोकप्रिय नेता बताते हैं, उन्हें इस चुनाव में सबक मिल चुका है। अग्रवाल ने गर्व से बताया कि 2023 में भाजपा ने 51 हजार वोटों के अंतर से यह सीट गंवाई थी, लेकिन इस बार भाजपा ने स्थिति को पूरी तरह बदल दिया है और नतीजे पार्टी के पक्ष में हैं।
'चूहा' से 'शेर' बनने का सफर और वापस
अग्रवाल ने खींवसर उपचुनाव का भी उल्लेख किया, जहां उन्होंने बगैर नाम लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेता हनुमान बेनीवाल पर तंज कसा। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि खींवसर में एक समय भाजपा ने एक 'चूहे' को 'शेर' बनाया था, लेकिन अब खींवसर की जनता ने फिर से उसे 'चूहा' बना दिया है। उनका इशारा साफ था कि जनता का विश्वास अब भाजपा पर है।
निर्दलीय नेता पर भी निशाना
अग्रवाल ने बिना नाम लिए निर्दलीय नेता नरेश मीणा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक 'लंपट' किस्म का नेता, जो कानून को चुनौती देता है, को अब सख्त जवाब मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में कानून व्यवस्था मजबूत होगी और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
विरोधियों का हंगामा और बढ़ता विवाद
अग्रवाल के इस बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। तीनों विपक्षी नेताओं के समर्थक उनके बयान का कड़ा विरोध कर रहे हैं और वे भाजपा के कार्यालय तक अपना आक्रोश जाहिर करने पहुंच गए। इस बयान के बाद अब तीनों विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जिससे यह स्पष्ट हो पाएगा कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति किस दिशा में जाएगी।