कौन हैं इस्कॉन के चिन्मय दास, जिनकी गिरफ्तारी से मचा बवाल, बांग्लादेश में हिंदू हमलों को लेकर किया था 'सरकार' का विरोध!
चिन्मय दास इस्कॉन प्रवक्ता हैं। वो बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव से संचालित होने वाले पुंडरिक धाम का नेतृत्त्व करते हैं। वो हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे दास इस्कॉन के प्रवक्ता के तौर भी जाने जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, पुंडरिक धाम भी बांग्लादेश इस्कॉन का ही हिस्सा है।
बीते दिन इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय दास को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद से देश और विदेश में भी इस्कॉन के समर्थक उनकी रिहाई के लिए सड़कों पर आ गए हैं। लेकिन विवाद क्या है, जिससे चलते इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय दास को गिरफ्तार किया गया और चिन्मस दास हैं कौन, आपको बताते हैं...
चिन्मय दास पर लगा राष्ट्रध्वज के अपमान का आरोप
बीते 25 नवंबर को ढाका पुलिस ने बांग्लादेश इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय दास को गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिन्मय दास राजधानी ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कल शाम साढ़े तीन बजे पहुंचे। वो चट्टाग्राम जा रहे थे। तभी सादे वर्दी में कुछ लोगों ने खुद को खुफिया विभाग का सदस्य बताते हुए एयरपोर्ट में एंट्री ली और उनको अपने साथ ले गए।
ढाका पुलिस ने कहा है कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी उनके खिलाफ दायर एक शिकायत के आधार पर की गई है। उनपर बांग्लादेश के राष्ट्र ध्वज को अपमानित करने के आरोप हैं। चिन्मय दास पर ये आरोप पूर्व बीएनपी नेता फिरोज खान ने लगाए हैं। जिसमें कहा गया है कि वो 25 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू समुदाय की एक रैली हुई थी। जहां पर चिन्मय दास और दूसरे 18 लोगों ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया।
कौन हैं चिन्मय दास
चिन्मय दास इस्कॉन प्रवक्ता हैं। वो बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव से संचालित होने वाले पुंडरिक धाम का नेतृत्त्व करते हैं। वो हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे दास इस्कॉन के प्रवक्ता के तौर भी जाने जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, पुंडरिक धाम भी बांग्लादेश इस्कॉन का ही हिस्सा है। चिन्मस दास बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार को लेकर काफी मुखर रहे हैं। बांग्लादेश की आबादी में करीब 8 फीसदी हिस्सेदारी हिंदुओं की है। जिस इस्कॉन से चिन्मय दास का ताल्लुक है, उसके बांग्लादेश में 77 से अधिक मंदिर हैं। करीब 50 हजार लोग इस संस्था से जुड़े हुए हैं।
चिन्मस दास ने की थी अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदा
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद ही से उन्होंने हिंदूओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जोर-शोर से निंदा की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दास ने सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने में जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश समेत दूसरे राजनीतिक दलों के समर्थन की सराहना की थी। वह बीएनपी जैसी पार्टियों के साथ भी इस खातिर बैठक कर चुके हैं। चिन्मय दास ने प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्त्व में चल रही अंतरिम सरकार की आलोचना भी की थी। ये भी बताया गया है कि दास का आरोप था कि यूनुस की सरकार अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए करीब तीन हजार हमले को रोकने में नाकाम साबित हुई है।