Rajasthan News: पायलट-बेनीवाल के गढ़ में सेंध लगाने वालों को मिलेगा इनाम? मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजर
राजस्थान उपचुनावों में जीत के बाद क्या होगा मंत्रिमंडल विस्तार? क्या नए विधायकों को मिलेगा मंत्री पद? जानिए किन नामों पर चल रही है चर्चा और क्या हैं संभावनाएं।
राजस्थान में उपचुनावों के नतीजे आने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि दिसंबर महीने में भजनलाल सरकार को सत्ता संभाले एक साल पूरे हो जायेंगे। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है सरकार अपने खाली पदों को भी भर सकती है। अभी सरकर में मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री समेत कुल 24 मंत्री है लेकिन मंत्रियों की संख्या 30 तक जा सकती है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गरम हैं कि जिन विधायकों ने उपचुनाव में जीत हासिल की है वह भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं या नहीं। खैर इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान या फिर संकेत सामने नहीं आया है। ये मात्र एक कयास हैं जो सही होंगे या नहीं ये तो वक्त बताएगा।
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पायलट-बेनीवाल के गढ़ में सेंध
जब उपचुनाव की घोषणा हुई थी तो कयास लगाये जा रहे थे कि राजकुमार रोत की पार्टी बीएपी के कारण बीजेपी को सलूंबर सीट जीतने में मुश्किल हो सकती है। पार्टी का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो उपचुनावों को लेक ये बहुत खराब रहा है लेकिन इस बार पार्टी ने सारे मिथक तोड़ते हुए न केवल सलूंबर सीट जीती बल्कि बेनीवाल से उनका गढ़ खींवसर और पायलट से उनके प्रभाव तीन सीटें झटक ली। ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पांच सीटों पर चुनाव जीतने वालों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
पांच विधायकों की क्यों हो रही चर्चा
उपचुनाव में जीते पांच विधायकों की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि 2008 के बाद खींवसर पर बेनीवाल का कब्जा था। 20 सालों से आरएलपी के गढ़ में सेंध लगाते हुए रेवंत राम डांगा ने जीत हासिल की। इससे इतर झुंझुनूं सीट पर कई दशकों से ओला परिवार का कब्जा था जिसे तोड़ते हुए बीजेपी के राजेंद्र भांपू विधायक बनें। जबकि रामगढ़ और देवली उनियारा सीट पर भी बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। खैर इन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है या नहीं ये तो वक्त बतायेगा।