Rajasthan By- Election: खींवसर में जबरदस्त खेला, कांग्रेस नेता ने थामा बीजेपी का दामन, चुनाव से पहले बदले समीकरण
खींवसर उपचुनाव में राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त टक्कर! हनुमान बेनीवाल का गढ़, कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण, दुर्ग सिंह चौहान के बीजेपी में शामिल होने से क्या बदलेगा समीकरण?
राजस्थान में उपचुनाव की रणभेरी के साथ कांग्रेस-बीजेपी में उठा-पठक जारी है। दौसा से झुंझुनूं तक सभी सीटें हॉटसीट बनी हुई है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा खींवसर सीट की हो रही है। ये सीट हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती है। यहां पर 2008 से के बाद वह कभी कोई चुनाव नहीं आ रहे हैं,हालांकि उपचुनाव में इस सीट का समीकरण उलझ गय है। बता दें, इस बार खींवसर में आरएलपी, बीजेपी के साथ कांग्रेस ने भी प्रत्याशी उतारा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता सवाई गोदारा को पत्नी को टिकट दिया था, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन इस चाल ने बेनीवाल- बीजेपी दोनों की मुसीबत बढ़ दी थी, हालांकि अब सीएम भजनलाल शर्मा ने चुनाव से पहले बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है। सीएम ने खींवसर से कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे दुर्ग सिंह चौहान को बीजेपी में शामिल कराया।
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खींवसर में समीकरण बदलेंगे दुर्ग सिंह ?
बता दें, बीजेपी का दामन थामते वक्त दुर्ग सिंह चौहान ने शक्ति प्रदर्शन भी किया। वह हजारों समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष मदन सिंह राठौर ने बीजेपी ज्वाइन करई। बता दें, खींवसर से दुर्ग सिंह कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। दुर्ग सिंह ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था टिकट नहीं दिया था तो विधानसभा चुनाव का हाल सभी के सामने हैं। ऐसे में इस चुनाव में कुछ भी आसान नहीं रहने वाला है।
बेनीवाल-कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन
वैसे तो खींवसर में आरएलपी का प्रभाव है हालांकि बीते विधानसभा चुनावों में हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर मिली थी। बेनीवाल केवल दो हजार वोटों से जीते थे,जबिक दूसरे नंबर पर बीजेपी से रेवंतराम डांगा रहे थे। ऐसे में एक बार फिर बीजेपी ने डांगा पर विश्वास जताया है तो कांग्रेस ने समीकरणों को समझते हुए रतन चौधरी को मैदान में उतारा है,वहीं इस सीट पर आरएलपी पहले किसी बाहरी शख्स को उतारने की बात कर रही थी हालांकि चुनौतियों को देखते हुए हनुमान बेनीवाल ने पत्नी कनिका बेनीवाल को मैदान में उतारा है। इससे इतर 2023 के विधानसभा चुनावों में दुर्ग सिंह भी मैदान में थे, उन्होंने करीब 15 हजार वोट हसिल किये थे। ऐसे में दुर्ग का बीजेपी में शामिल होना खींवसर से समीकरणों को बना-बिगाड़ सकता है।