Rajasthan News: 'चूहा', 'फर्जी नेता' के बाद अब क्या? राजस्थान प्रभारी बीजेपी पर भारी? पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान उपचुनाव में जीत के बाद भी बीजेपी नेता राधा मोहन दास के विवादित बयानों से मचा हंगामा। सचिन पायलट को फिर निशाने पर क्यों लिया? जानिए दौसा सीट के नतीजों का सच और राधा मोहन दास के दावों की पोल।
राजस्थान उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी फूली नहीं समा रही है। 2014-2024 के बीच ये पार्टी का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। जहां बीजेपी ने कांग्रेस की तीन सीटें तो एक आरएलपी की सीट जीत ली। वहीं, इस जीत भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल राठौर के मेहनत का नतीजा है लेकिन बीजेपी राजस्थान प्रभारी राधा मोहन दास अपने बयानों से इस जीत को बेड़ागर्क करने में तुले हैं। बीते दिनों उन्होंने सचिन पायलट को प्रदेश का फर्जी नेता, हनुमान बेनीवाल को चूहा और नरेश मीणा को लंपट निर्दलीय बताया था। जिसके बाद से सियासी पारा हाई है हालांकि के कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी प्रभारी ने सचिन पायलट पर ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी वह कई उनपर निशाना साध चुके हैं। ऐसे में जानते हैं आखिर राधा मोहन के निशाने पर पायलट क्यों रहते हैं।
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दौसा सीट भी पर बताई बीजेपी की जीत
बीजेपी ने भले सात में पांच सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रचा लो लेकिन वह पायलट का गढ़ दौसा जीतने में कामयाब नहीं पाई। यहां से बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया था लेकिन कांग्रेस के डीसी बैरवा ने उन्हें 2500 वोटों से मात दी। इस सीट की जिम्मेदारी खुद पायलट ने थी। उन्हें अकेले दौसा में 18 से ज्यादा जनसभाएं जिसका परिणाम हुआ रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में आये। हालांकि राधा मोहन दास ने दौसा सीट पर भी बीजेपी की जीत बताई है। उन्होंने तर्क दिया, 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार को लगभग 50 हजार वोटों से हराया था लेकिन उपचुनाव में ये मार्जिन घटकर केवल 2 हजार के आसपास रह गया। हम हारते-हारते भी चुनाव जीत गए।
कितना सही राधा मोहन दास का गणित
राधा मोहन दास के इस बयान के बाद सियासी हंगामा मचा हुआ है। अगर बीते लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को उठाकर देखें तो जयपुर ग्रामीण सीट से बीजेपी ने राजेंद्र राव को टिकट दिया तो कांग्रेस ने युवा चेहरा अनिल चोपड़ा पर दांव लगाया था। 2014-19 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने इस सीट पर बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में मार्जिन घटकर 1600 वोटों का हो गया था। इससे इतर कोटा लोकसभा सीट की चर्चा करें तो यहां से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लगातार तीसरी पर जीत कर सांसद बने। बीते लोकसभा चुनावों में जीत का अंतर 2 लाख से ज्यादा था लेकिन इस बार के चुनावों में उन्हें केवल 50 हजार वोटों से जीत मिली। अलवर सीट से भूपेंद्र यादव सांसद है। 2014 में बीजेपी ने तीन लाख वोटों के अंतर से यहां जीत हासिल की थी लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों में ये मार्जिन घटकर 50 हजार आ गय। बीते दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया था लेकिन 2024 के चुनावों में कांग्रेस ने 25 में से 11 सीटें जीती थीं। ऐसे में अगर गणित जाये तो कांग्रेस ने भी 11 से ज्यादा सीटें लोकसभा में जीती होंगी खैर ये बीजेपी प्रभारी के बड़बोले पन के अलावा और कुछ नहीं है। देखना दिलचस्प होगा चूहा-फर्जी नेता से शुरू हुई ये राजनीति कहां तक जाती है।