Rajasthan News: उपचुनाव हार के बाद भी 'भंवर' में कांग्रेस, रामगढ़ सीट पर मिली शिकस्त पर उठे सवाल !
राजस्थान के रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार, टिकाराम जूली और भंवर जितेंद्र सिंह की भूमिका पर सवाल। आर्यन खान की हार के कारण जानें।
खबर राजस्थान से है। जहां उपचुनाव में कांग्रेस ने 7 सीटों पर प्रत्याशी जरूर उतारे थे लेकिन जीत केवल एक सीट सकी। लोकसभा चुनाव में 11 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की उपचुनाव में भारी फजीहत हुई है। ऐसे में अब हर कोई इंतजार कर रहा है कि कांग्रेस का अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा इस हार की जिम्मेदारी कौन लेगा। इसी बीच हर किसी की जुबान पर रामगढ़ सीट का नाम है। बता दें, कांग्रेस अगर किसी सीट को लेकर सबसे ज्यादा कॉन्फिडेंस में थी तो वह रामगढ़ सीट थी। यहां से पार्टी ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को प्रत्याशी बनाया था, हालांकि कांग्रेस का इमोशनल कार्ड यहां पर नहीं चला और बीजेपी ने जीत दर्ज की।
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रामगढ़ में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार कौन?
ऐसे मेरे सवाल उठने लगे हैं कि रामगढ़ में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार टीकाराम जूली है या फिर भंवर जितेंद्र सिंह। दरअसल बीते कुछ समय से पार्टी में टीकाराम जूली का कद काफी तेजी से बढ़ रहा था। यह हर उनके लिए किसी डेंट से कम नहीं है। शुरुआत से ही माना जा रहा था कि रामगढ़ सीट टीकाराम जूली के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। सियासी जानकार मानते हैं कांग्रेस आलाकमान ने भंवर सिंह के कहने पर टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया था।। ऐसे में उम्मीद थी कि वह रामगढ़ में दलित वोटर का भरोसा जीत पाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उपचुनाव जीत से गदगद बीजेपी
रामगढ़ सीट पर जीत के बाद से बीजेपी फूली नहीं समा रही है और इसका सीधा क्रेडिट मंत्री भूपेंद्र यादव को दिया जा रहा है। उनके सांसद बनने के बाद यह पहले उपचुनाव था।वहीं, उपचुनाव में जिस तरह का प्रदर्शन बीजेपी ने किया है और इसका सीधा फायदा उसे निकाय चुनाव में भी मिल सकता है। जबकि कांग्रेस के लिए यह हर एक चिंता का विषय है। बरहाल देखना होगा कांग्रेस यूपी चुनाव की हार के बाद क्या बड़े फैसले करती है।