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Rajasthan News: उपचुनाव हार के बाद कांग्रेस में बदलाव के संकेत, डोटासरा-पायलट की चुप्पी पर सवाल !

राजस्थान में राधा मोहन दास के विवादित बयान से सियासी पारा हाई, सचिन पायलट, हनुमान बेनीवाल और नरेश मीणा पर तीखी टिप्पणी। कांग्रेस नेताओं की चुप्पी, आरएलपी प्रमुख का पलटवार। जानें सियासी मायने। 

Rajasthan News: उपचुनाव हार के बाद कांग्रेस में बदलाव के संकेत, डोटासरा-पायलट की चुप्पी पर सवाल !

खबर राजस्थान से है। जहां उपचुनाव की जीत का जश्न बीजेपी रही थी कि राजस्थान बीजेपी प्रभारी राधा मोहन दास के बयान से अब सियासत गरमा गई है। बीते दिनों उन्होंने उपचुनाव इलेक्शन पर बीजेपी की जीत पर बड़ा बयान देते हुए सचिन पायलट को फर्जी नेता, आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल को चूहा तो निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को लंपट बता डाला था। इस मामले में अभी तक सचिन पायलट ने चुप्पी साथ रखी है तो वहीं तेज तर्रार नेता हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि मैं कौन नहीं जानता यह कौन है अगर ये ज्यादा बोलेंगे तो आरएलपी समर्थक इन्हें सबक जरूर सिखायेंगे। 

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क्यों चुप डोटसरा- पायलट ?

राधा मोहन दास के बयान के बाद आरएलपी प्रमुख की प्रतिक्रिया आ चुकी है लेकिन अभी तक राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट ने मौन साध रखा है। हालांकि दौसा से नवनिर्वाचित हुए विधायक डीसी बैरवा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्ति की थी। सचिन पायलट को फर्जी नेता कहने पर जब बैरवासे सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया था कि अच्छा हुआ कि राधा मोहन दास दौसा नहीं आए तो यहां की जनता उन्हें करारा जवाब देने में कसर बिल्कुल ना रखती। 

राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की चर्चा !

लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर जीत का परचम लहराने वाली कांग्रेस उपचुनाव में एक सीट पर सिमट कर रह गई। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है हालांकि इस बारे में अभी भी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है जिन नेताओं ने प्रचार के दौरान प्रमुख सीटों पर प्रचार किया था वहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत बताई थी लेकिन परिणाम इसके उलट आए। उदाहरण के लिए रामगढ़ सीट के लिए  कांग्रेस आश्वस्त थी लेकिन यहां बीजेपी ने जीत हासिल की। इसके अलावा दौसा सीट पर कांग्रेस को कमजोर माना जा रहा था क्योंकि यहां से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा मैदान में थे। यहां पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। इस बार के उपचुनाव में कांग्रेस केवल दौसा सीट जीतने में कामयाब रही जबकि 6 पर हर का सामना करना पड़ा। जहां चार सीटों पर उसके कैंडिडेट की जमानत जप्त हो गई।