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चित्तौड़ दुर्ग पर गद्दी रस्म से गरमाई राजनीति, संपत्ति विवाद गहराने की आशंका

चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की गद्दी पर उत्तराधिकारी चयन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को उत्तराधिकारी घोषित करने के प्रस्तावित कार्यक्रम पर अजाक ने आपत्ति जताई है। इस आयोजन को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए, अजाक ने इसे रोकने की मांग की है। साथ ही, 40 साल पुराने संपत्ति विवाद के फिर से उभरने की संभावना से यह मामला और संवेदनशील हो गया है।

चित्तौड़ दुर्ग पर गद्दी रस्म से गरमाई राजनीति, संपत्ति विवाद गहराने की आशंका

चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की गद्दी पर उत्तराधिकारी चयन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक) ने इस आयोजन पर आपत्ति जताते हुए इसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। अजाक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम को रोकने की मांग की है।

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कार्यक्रम और विवाद का कारण

नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को पूर्व राजपरिवार का 77वां उत्तराधिकारी घोषित करने के लिए चित्तौड़गढ़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में सोमवार को पगड़ी रस्म आयोजित की गई है। निमंत्रण पत्र में उन्हें मेवाड़ के उत्तराधिकारी के रूप में आमंत्रित किया गया है।

इस आयोजन के खिलाफ अजाक संघ के अध्यक्ष श्रीराम चौरड़िया ने कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद इस तरह के सामंती आयोजन लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन हैं। उन्होंने सरकारी परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को लोकतंत्र का अपमान करार दिया है।

संपत्ति विवाद की छाया में आयोजन

इस कार्यक्रम के कारण मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बीच चल रहे लगभग 40 साल पुराने संपत्ति विवाद के फिर से उभरने की आशंका जताई जा रही है। सिटी पैलेस वर्तमान में महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के ट्रस्ट के अधीन है।

पुलिस सुरक्षा की मांग और असहमति

विश्वराज सिंह मेवाड़ पक्ष ने पुलिस से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है, ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित हो सके। कार्यक्रम के तहत, चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पगड़ी रस्म के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस, उदयपुर में धूणी दर्शन के लिए जाने वाले हैं। हालांकि, सिटी पैलेस ट्रस्ट ने इस आयोजन को लेकर सहमति देने से इनकार कर दिया है।

राजनीतिक और सामाजिक विवाद

यह आयोजन मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास को आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ जोड़ने के प्रयास और सामंती परंपराओं के बीच टकराव को भी उजागर कर रहा है। कार्यक्रम को लेकर सामाजिक और राजनीतिक विवाद और अधिक गहराने की संभावना है।