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किडनी कांड का आरोपी फरार होने की फिराक में था, पुलिस ने किया गिरफ्तार, अब खुलेंगे सारे राज

राजस्थान में किडनी कांड का आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार कर लिय़ा गया है। बताया गया कि झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में बीते दिनों हुए किडनी कांड में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है

किडनी कांड का आरोपी फरार होने की फिराक में था, पुलिस ने किया गिरफ्तार, अब खुलेंगे सारे राज

राजस्थान में किडनी कांड का आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार कर लिय़ा गया है।बताया गया कि झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में बीते दिनों हुए किडनी कांड में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपी डॉ. संजय धनखड़ को गुजरात से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि धनखड़ भागने की फिराक में था, लेकिन उसके पहले ही उसे पकड़ लिया गया।मामले में पीड़िता ईद बानो का इलाज फिलहाल जयपुर में चल रहा है।आरोपी डॉक्टर पिछले आठ दिन से फरार था।

मरीजों के जीवन के साथ करता था खिलवाड़

डॉ. संजय धनखड़ पर मरीज के जीवन के साथ लापरवाही बरतने के आरोप तो लगे ही हैं, इसके अलावा पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की तो अस्पताल से काफी संदिग्ध सामग्री भी जब्त की गई जिसमें दस्तावेजों में हेरफेर और चिकित्सकों की स्टैम्प्स भी मिली हैं। इससे ये बात भी साफ है की डॉक्टर धनखड़ ना केवल मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा था बल्कि हेरफेर भी करता था।

ईद बानो ने दर्ज कराया था केस

दरअसल, बीते दिनों नूआं निवासी ईद बानो ने डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने के साथ ही उसकी खराब किडनी की जगह सही किडनी निकालने की शिकायत की थी। इसके बाद पांच चिकित्सकों की एक टीम ने शिकायत की जांच की और उसमें साबित हुआ कि डॉ. धनखड़ ने इलाज में लापरवाही बरती है। डॉ. धनखड़ ने खराब हो चुकी किडनी की जगह, दूसरी सही किडनी निकाल दी। इसके बाद मरीज ईद बानो की तबीयत खराब हो गई थी। आनन फानन में उसे रेफर भी कर दिया गया। खुलासा तब हुआ जब ईद बानो की जयपुर में जांच की गई। जांच के बाद चिकित्सक ने उसे जानकारी दी।

घटना की बात मीडिया में आई तो शुरु हुई जांच

मामला मीडिया में आने के बाद इस प्रकरण की जांच शुरू की गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की। गिरफ्तारी के बाद अब डॉ. धनखड़ को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लाया जाएगा। एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि इस मामले में गायब हुई किडनी को लेकर भी पूछताछ की जाएगी। अगर बायोवेस्ट और आर्गन रूल्स के अनुसार किडनी का डिस्पोजल या फिर संधारण नहीं किया गया है तो इन धाराओं को भी मामले में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा जान बूझकर जान संकट में डालने की धारा भी जोड़ी जा सकती है। पुलिस की जांच में ये बात भी सामने आई है की धनखड़ पर इससे पहले भी दो केस दर्ज हो चुके हैं। साल 2015 और 2016 में भी डॉ. धनखड़ पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए में मामला दर्ज हो चुका है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।