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शाही जामा मस्जिद हिंसा का सच आएगा सामने, न्यायिक टीम ने संभाली जांच की कमान

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। आयोग ने घटना के पीछे के कारणों और साजिश की संभावनाओं की जांच शुरू कर दी है। टीम ने इलाके का दौरा कर चार अहम बिंदुओं पर फोकस किया है, जिनमें कानून-व्यवस्था की स्थिति और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय शामिल हैं।

शाही जामा मस्जिद हिंसा का सच आएगा सामने, न्यायिक टीम ने संभाली जांच की कमान

उत्तर प्रदेश के संभल में बीते 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब तेज हो गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। यह टीम, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में, रिटायर्ड आईएएस एके जैन और रिटायर्ड आईपीएस अमित मोहन के साथ रविवार को विवादित स्थल पर पहुंची।

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इस मामले में होगी जांच

यह मामले की जांच करते हुए दल ने इलाके का दौरा करते हुए विभिन्न पक्षों से बातचीत की। क्या हिंसा अचानक भड़की या यह किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी, इस मामले को शांत रखने के लिए और कानून व्यव्सथा बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने क्या कदम उठाए? इस हिंसा के पीछे के वास्तविक कारण और परिस्थितियां क्या थीं और ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए क्या ठोस इंतजाम किए जा सकते हैं?

जांच टीम की कार्यवाही

टीम ने मस्जिद परिसर और आसपास के इलाकों का गहन निरीक्षण किया। इसके अलावा, स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर घटनाक्रम की जानकारी जुटाई गई। इस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो की भी जांच की जा रही है।

हिंसा के पीछे साजिश की आशंका

इस मामले की प्रारंभिक जांच में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जो घटना को सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही हैं। टीम इस पहलू पर विशेष ध्यान दे रही है कि कहीं यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश तो नहीं थी।

जांच के नतीजे आने के बाद सरकार सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। साथ ही, पुलिस बल की जवाबदेही और प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।