अडानी के साथ-साथ SEBI पर हुआ हिंडनबर्ग का विस्फोटक खुलासा, मिलीभगत का रिपोर्ट में इशारा, पढ़ें एक क्लिक में
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है, "हमने पहले भी अडानी के इस पूर्ण विश्वास को नोट किया था कि वे गंभीर विनियामक हस्तक्षेप के जोखिम के बिना काम करना जारी रखेंगे और यह सुझाव दिया था।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को कहा कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफन घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में पार्टनरशिप थी।
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है, "हमने पहले भी अडानी के इस पूर्ण विश्वास को नोट किया था कि वे गंभीर विनियामक हस्तक्षेप के जोखिम के बिना काम करना जारी रखेंगे और यह सुझाव दिया था कि इसे सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के साथ अडानी के संबंधों के माध्यम से समझाया जा सकता है।"
रिपोर्ट के अनुसार
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें इस बात का अहसास नहीं था कि वर्तमान सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच ने ठीक उन्हीं अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों में गुप्त हिस्सेदारी रखी थी, जो उसी जटिल नेस्टेड संरचना में पाए गए थे, जिसका उपयोग विनोद अडानी द्वारा किया गया था।"
NEW FROM US:
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandalhttps://t.co/3ULOLxxhkU
इसमें आगे कहा गया है, "माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला था, जैसा कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चलता है। आईआईएफएल के एक प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत 'वेतन' है और दंपति की कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर का अनुमान लगया गया है।"
अडानी समूह पर अपने खुलासे के लिए प्रसिद्ध अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने भारत से जुड़े एक और महत्वपूर्ण खुलासे का संकेत दिया था।