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साइबर क्रिमिनल पर गृह मंत्रालय का शिकंजा, साइबर क्राइम को लेकर लोगों के लिए जारी किए दिशा निर्देश

कभी आपके पास या आपके जानने वाले के पास किसी का फोन आए, कॉल में सामने वाला कहे कि पुलिस अधिकारी बोल रहा या किसी अन्य विभाग का अफसर बोल रहा है. तो आप सावधान हो जाए. ऐसा कहना है गृह मंत्रालय का. ये कॉल करने वाला साइबर क्रिमनल हो सकता है, जो आपको लाखों का चूना लगा सकता है. जानें कैसे अटैक करते है साइबर क्रिमिनल ?

साइबर क्रिमिनल पर गृह मंत्रालय का शिकंजा, साइबर क्राइम को लेकर लोगों के लिए जारी किए दिशा निर्देश

नई दिल्ली, साइबर क्राइम कोई नया क्राइम नहीं है. रोजना कई लोगों के साथ साइबर ठगी होती रहती है. साइबर क्रिमिनल आए दिन ठगी करने के नये तरीके अपनाते है. इस को लकेर अब देश के गृह मंत्रालय ने भी लोगों साइबर क्राइम के बारे में चेताया है जो खुद को पुलिस अधिकारी बताकर फर्जीवाड़े करते है. गृह मंत्रालय ने बताया कि यह सीमा पार क्राइम सिंडिकेट की ओर से चलाया जा रहा संगठित ऑनलाइन आर्थिक अपराध है. देशभर में कई पीड़ितों ने ऐसे अपराधियों के कारण बड़ी मात्रा में अपने पैसे खोने की शिकायत दर्ज कराई है. गृह मंत्रालय ने ऐसे किसी भी फोन कॉल या फिर ऑनलाइन फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए हैं.

कॉल और वीडियो कॉल से रहे सावधान

गृह मंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया कि ऐसे साइबर अपराधी कई बार पुलिस अफसर बनकर या फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), नारकोटिक्स विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों से खुद जोड़कर लोगों को धमकाते हैं. उन्हें अलग-अलग वजहों के जरिए टारगेट करके ब्लैकमेल या फिर जबरन वसूली की कोशिश करते हैं. इस तरह के साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. मंत्रालय ने फर्जीवाड़ा करने वाले इन अपराधियों के काम करने के तरीके को लेकर विस्तार से जानकारी दी. साथ ही ऐसे किसी भी कॉल से सावधान रहने की भी सलाह दी है.

 कैसे ठगी को अंजाम देते है साइबर क्रिमिनल ? 

गृह मंत्रालय ने साइबर क्रिमिनल के काम करने के तरीकों के बारे में बताया कि ऐसे अपराधी आम तौर पर संभावित पीड़ित को कॉल करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उसने पार्सल भेजा है. इस पार्सल में अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कोई अन्य प्रतिबंधित वस्तु है. कभी-कभी, वे यह भी सूचित करते हैं कि पीड़ित शख्स का कोई करीबी या फिर कोई प्रिय व्यक्ति किसी अपराध या दुर्घटना में शामिल पाया गया है और उनकी हिरासत में है. फिर धोखेबाज शख्स 'मामले' को निपटाने के लिए पैसे की मांग करता है.