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विवेकानंद की प्रतिमा के सामने PM मोदी की 'साधना शक्ति', अध्यात्म के 45 घंटे विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ऐसे बिता रहे PM

प्रधानमंत्री बीती देर शाम से विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की 75 दिनों की लंबी प्रक्रिया के बाद कल शाम जब प्रचार का थमा, तो पीेएम मोदी ध्यान लगाने के लिए कल यानी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंच गए। वो 1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे। ये वही जगह है, जहां 1892 में स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था। पीएम मोदी जहां ध्यान कर रहे हैं वहां विवेकानंद की मूर्ति है।

विवेकानंद की प्रतिमा के सामने PM मोदी की 'साधना शक्ति', अध्यात्म के 45 घंटे विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ऐसे बिता रहे PM
विवेकानंद की प्रतिमा के सामने PM मोदी की 'साधना शक्ति', अध्यात्म के 45 घंटे विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ऐसे बिता रहे PM

प्रधानमंत्री बीती देर शाम से विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की 75 दिनों की लंबी प्रक्रिया के बाद कल शाम जब प्रचार का थमा. तो पीेएम मोदी ध्यान लगाने के लिए कल यानी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंच गए। वो 1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे। ये वही जगह है, जहां 1892 में स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था। पीएम मोदी जहां ध्यान कर रहे हैं वहां विवेकानंद की मूर्ति है।

45 घंटे के प्रवास में क्या-क्या करेंगे PM मोदी?

पीएम नरेंद्र मोदी 30 मई यानी कि बीती शाम कन्याकुमारी पहुंचें। शनिवार की दोपहर तक पीएम मोदी वहीं रहेंगे। इस दौरान ही पीएम मोदी विवेकानन्द रॉक मेमोरियल पर मेडिटेशन करेंगे। इसी के साथ ही जानकारी के मुताबिक,  शनिवार दोपहर तीन बजे पास ही में स्थित एक शिला पर बनी महान कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का दर्शन करेंगे और माल्यार्पण का कार्यक्रम होगा। आपको बता दें, पीएम मोदी के 45 घंटे के प्रवास के लिए भारी सुरक्षा समेत सभी इंतजाम किए गए हैं। देश के इस दक्षिणी छोर पर इस जिले में 2 हजार पुलिसकर्मियों का दल और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां ​​प्र कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल की खासियत

विवेकानंद रॉक मेमोरियल भारत के सबसे दक्षिणी सिरे कन्याकुमारी में एक स्मारक है, जो समंदर के तट से लगभग 500 मीटर दूर स्थित दो चट्टानों में से एक पर स्थित है। सुकून देने वाली समंदर की हवाएं और नाचती लहरों के बीच ये चट्टान बेहद खूबसूरत और रहस्यमय है। यह भारत के महान संत स्वामी विवेकानन्द को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इस भूमि की आध्यात्मिक प्रतिभा को दुनिया तक पहुंचाया। माना जाता है कि यहां पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था।