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सिर्फ 20 साल में हो गई शादी, फिर 40 की उम्र में 8000 का लोन लेकर शौक को बनाया हुनर और खड़ी कर ली 800 करोड़ की कंपनी!

मीना बिंद्रा आज तमाम लोगों के लिए प्रेरणा हैं। लेकिन उन्होंने 20 साल में शादी के बाद कैसे 8000 का लोन लेकर एक बिजनेस सेट किया। चलिए उनका सफर जानते हैं....

सिर्फ 20 साल में हो गई शादी, फिर 40 की उम्र में 8000 का लोन लेकर शौक को बनाया हुनर और खड़ी कर ली 800 करोड़ की कंपनी!

लड़कियां शादी के बाद क्या ही कर पाएंगी, ये सवाल हमने और आपने कितनी ही बार सुना होगा। लेकिन आज हम आपको एक एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 40 साल की उम्र में अपने शौक को बिजनेस में तब्दील कर दिया और सिर्फ बिजनेस ही नहीं खड़ा किया। बल्कि बिजनेस से सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया।

800 करोड़ से ज्यादा कर करके दिखाया बिजनेस

दिल्ली में पढ़ी मीना बिंद्रा एक समय पर सिर्फ एक पत्नी, मां और बहू हुआ करती थीं। आज भी वो रिश्तों में तो बंधी है, लेकिन आज उनकी पहचान एक सक्सेसफुल महिला की भी है। उन्होंने 40 साल की उम्र में अपने सिलाई के शौक को बिजनेस में बदल दिया। जिसके बाद अब उनकी कंपनी 'बीबा' 800 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा का बिजनेस करती है। मीना बिंद्रा ने घर से ही सिंपल सूट बेचकर बीबा की शुरुआत की थी और मौजूदा समय में वो भारत के टॉप एथनिक कपड़ों के ब्रांड में से एक है।

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सिर्फ 20 साल में हो गई थी शादी

मीना की कहानी की शुरुआत शुरु से करते हैं, मीना बिंद्रा का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से ग्रेजुएशन की। लेकिन सिर्फ 20 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। मीणा ने आम गृहिणी की तरह अपने दोनों बेटों संजय और सिद्धार्थ का पालन-पोषण किया। लेकिन फिर 40 साल की उम्र में जब उनके बच्चे बड़े हो गए, तो उन्होंने घर से ही 'सिंपल कॉटन प्रिंटेड सूट' बेचना शुरू किया। उस समय उनके पास न कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग थी। न ही कोई ज्‍यादा जानकारी। मुंबई में रहते हुए मीना ने 1983 में अपने भाई के खाली फ्लैट में एक एग्‍जीबिशन लगाई। वहां उन्होंने खुद के सिले हुए सूट बेचे। पहली ही एग्‍जीबिशन में उन्हें जोरदार सफलता मिली। उनके सूट लोगों ने हाथों हाथ खरीदे।

बैंक से लिया 8 हजार का लोन

सफर को आगे बढ़ाने के लिए मीना के पति ने बिजनेस को शुरु करने के लिए उनकी मदद की। बैंक से 8000 रुपये का लोन दिलाया। ये मीना के बिजनेस के लिए शुरुआती पूंजी थी। उन्होंने सिंपल सूट बनाए थे, जिन पर ब्लॉक प्रिंट किया था। मीना ने अपने निवेश का आधा पैसा भी खर्च नहीं किया था कि प्रदर्शनी में उनके ज्‍यादातर सूट बिक गए और उनका पैसा लगभग दोगुना हो गया। धीरे-धीरे मीना को मुंबई के बड़े-बड़े स्टोर्स से ऑर्डर मिलने लगे, जो फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में भी काफी मशहूर थे। उनके सूट हर जगह छा गए और सही वजहों से चर्चा का विषय बने।

बीबा ब्रांड के पीछे क्या था खास

भारत में तमाम भाषाएं बोली जाती हैं। जिसमें से पंजाबी में 'बीबा' शब्द का मतलब प्यार से रुप की तारीफ, प्यार रुप के लिए किया जाता है। ये लड़की या महिला के लिए स्नेहपूर्ण संबोधन होता है। बीबा ब्रांड को बॉलीवुड में पहला ब्रेक तब मिला जब किशोर बियानी ने फिल्म 'न तुम जानो न हम' में एक पार्टनरशिप के लिए उनसे संपर्क किया। इसके बाद तो ब्रांड ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज बीबा के 300 से भी ज्‍यादा ब्रांड आउटलेट्स हैं और 275 मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स हैं। इनका कुल रेवेन्‍यू 800 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा है।

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आज ‘बीबा’ देती है तमाम लोगों को प्रेरणा

सिर्फ रुप ही नहीं जज्बे से तैयार की गई बीबा कंपनी की ओनर मीना बिंद्रा आज तमाम लोगों के लिए उदाहरण हैं। बीबा और देश की एथनिक अपैरल इंडस्ट्री में योगदान के लिए मीना बिंद्रा को 2015 में क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) ने एपेक्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। वहीं, साल 2012 में बिबा को इमेजेस अवार्ड्स में 'बेस्ट एथनिक वियर ब्रांड फॉर वीमेन' के खिताब से नवाजा गया। बीबा का प्रभाव सिर्फ फिजिकल स्टोर्स तक ही सीमित नहीं है। ब्रांड ने अपने ई-कॉमर्स पोर्टल biba.in के साथ डिजिटल युग को अपना लिया है।