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राजस्थान शिक्षक संघ (शे.) का 57वां महासमिति अधिवेशन, सांसद बृजेंद्र सिंह ओला रहे मौजूद

डूंगरपुर| राजस्थान शिक्षक संघ (शे.) का 57वां महासमिति अधिवेशन दुर्गाराम मोगा नगर, बनवारीलाल डोरवाल मंच श्री चावो वीरो सदन बगड़ में झंडारोहण के साथ सभाध्यक्ष याकूब खान की अध्यक्षता शुरू हुआ. 

राजस्थान शिक्षक संघ (शे.) का 57वां महासमिति अधिवेशन, सांसद बृजेंद्र सिंह ओला रहे मौजूद

डूंगरपुर| राजस्थान शिक्षक संघ (शे.) का 57वां महासमिति अधिवेशन दुर्गाराम मोगा नगर, बनवारीलाल डोरवाल मंच श्री चावो वीरो सदन बगड़ में झंडारोहण के साथ सभाध्यक्ष याकूब खान की अध्यक्षता शुरू हुआ. अधिवेशन में आए अतिथियों का स्वागत झुंझुनू जिलाध्यक्ष श्री अशोक कटेवा ने किया और अध्यक्षीय उद्बोधन महावीर सिहाग प्रदेशाध्यक्ष ने दिया.

इस अवसर पर 57 वें महासमिति अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए नवनिर्वाचित सीकर सांसद कॉमरेड अमराराम ने कहा कि देश व प्रदेश में सांप्रदायिक विचारधारा का प्रभाव बड़ा है. मगर देश की जनता ने लोक सभा चुनाव में मुकाबला किया है जो आगे वैचारिक संघर्ष तेज करने का इशारा है.  उन्होंने प्रदेश की मेहनतकश जनता की एकता को मजबूत करने में मेरी प्रमुख प्राथमिकता में है और शिक्षा, चिकित्सा क्षेत्र को निजी क्षेत्र में बदलने की साजिश का पुरजोर विरोध सड़क से संसद तक करने में हर संभव सहयोग किया जाएगा.

उन्होंने मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान, कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि हमेशा आपके संघर्ष में साथ रहूंगा. बतौर मुख्य अतिथि झुंझुनू सांसद बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा की वर्तमान मोदी सरकार वैसाखियों पर बनी है केंद्र और राज्य सरकार किसान, मजदूर विरोधी नीतियां अपनाएगी तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा. विशिष्ट अतिथि पितराम सिंह काला विधायक पिलानी ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में शिक्षकों और शिक्षा के हित में जो भी आवाज होगी उसको प्रमुखता से रखा जाएगा, उन्होंने भरोसा दिलाया कि आप अपने हितों के लिए सड़क पर संघर्ष करिए मैं विधानसभा में आपको हर संभव सहयोग देने को तैयार रहूंगा.

अधिवेशन के पहले दिन महामंत्री उपेंद्र शर्मा द्वारा संगठन की पिछले दो सालों की गतिविधियों की रिपोर्ट रखते हुए कहा कि शिक्षा और शिक्षकों को बचाने के हर संभव मज़बूत संघर्ष किए जायेंगे. अधिवेशन को अपनी शुभकामना देते हुए प्रोफेसर श्याम सुंदर ज्यानी ने पर्यावरण संरक्षण और उनकी चिंताओं पर अपनी बात रखी और पर्यावरण संरक्षण के लिए भगत सिंह के विचारों पर चलते हुए अधिक से अधिक वृक्षारोपण पर ध्यान देना होगा जिसमें समाज की भागीदारी को बढ़ाना मुख्य लक्ष्य होना चाहिए. 

अधिवेशन में मुख्य वक्ता के रूप बोलते हुए सत्यापाल सिवाच ने चिंता जाहिर करते हुऐ चेताया नई शिक्षा नीति को पूंजीवादी कॉर्पोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ का दस्तावेज है. यह देश के दलितों, गरीबों, आदिवासियों आम जनता  के हित में नहीं है और समतावादी समाज बनाने की विरोधी है.

आज के अधिवेशम में मंच पर प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया, हेमंत कुमार खराड़ी, अशोक लोदवाल, भंवरलाल कंसवा, फेलीराम मीणा, वरिष्ठ शिक्षक नेता चंद्रशेखर शर्मा, रामस्वरूप चौधरी, श्रवण पुरोहित, राधेश्याम यादव,सहित राज्य पदाधिकरी उपस्थित थे.  डूंगरपुर से जिलाध्यक्ष मणिलाल मालीवाड, जिला मंत्री धनराज खराड़ी, मक्सीराम फलेजा, नारायण लाल कोटेड ,कांतिलाल खराड़ी, कमलेश डामोर, वासुदेव परमार, केशव कोटेड, नारायन डामोर, देवीलाल गौड़, जीवन लाल बरंडा, शांतिलाल गमेती, लालूराम बरंडा,अनिल आमलिया प्रतिनिधित्व कर रहे हैं अधिवेशन का समापन कल होगा. यह जानकारी जिला प्रवक्ता लीलाराम भगोरा ने दी.

रिपोर्ट - सादिक अली