Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

कहानी उस किले की जिसमें बसी हैं पृथ्वीराज की यादें

तारागढ़ किला एक खड़ी पहाड़ी पर बना एक किला है. इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में अजयराज चौहान (721-734) द्वारा किया गया था और इसे मूल रूप से अजयमेरु दुर्ग कहा जाता था.

कहानी उस किले की जिसमें बसी हैं पृथ्वीराज की यादें

राजस्थान के गिरी दुर्गों में अजमेर के तारागढ़ का क़िला को एक ऐतिहासिक स्थान कहा जाता हैं. तारागढ़ क़िले को एक अजेय गिरी दुर्ग बताया गया हैं. लोक संगीत में इस क़िले को गढबीरली भी कहा गया है. तारागढ़ क़िला जिस पहाड़ी पर स्थित है उसे बीरली कहा जाता है. इसलिये भी इसे लोग गढबीरली कहते हैं. तारागढ़ किला एक खड़ी पहाड़ी पर बना एक किला है. इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में अजयराज चौहान (721-734) द्वारा किया गया था और इसे मूल रूप से अजयमेरु दुर्ग कहा जाता था. शहर के दक्षिण-पश्चिम में ढाई दिन के झोंपडे के पीछे स्थित यह दुर्ग तारागढ की पहाडी पर 700 फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं. इस किले के भीतर बने महल अपनी शिल्पकला और भित्ति चित्रों के कारण अद्वितीय है. इन महलों में छत्रमहल, अनिरूद्ध महल, रतन महल, बादल महल और फूल महल प्रमुख हैं.

राजस्थान का जिब्राल्टर

यह दुर्ग अपने गौरवशाली इतिहास के लिए फेमस है. अजमेर की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला पर स्थित तारागढ़ दुर्ग को सन् 1832 में भारत के गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक ने देखा तो उनके मुंह से निकल पड़ा- ''ओह दुनिया का दूसरा जिब्राल्टर'' और मुगल बादशाह अकबर ने तो इसकी श्रेष्ठता भांप कर अजमेर को अपने साम्राज्य का सबसे बड़ा सूबा बनाया था. तारागढ़ किला राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसकी कुछ इमारतों और कार्यों पर मुगल वास्तुकला का प्रभाव है। यह महल हाड़ा चौहान राजपूत महाराजाओं और उनके परिवारों का निवास स्थान था।

 पृथ्वीराज चौहान थे अंतिम हिंदू शासक

पृथ्वीराज चौहान इस किले के अंतिम हिंदू शासक थे. जिनसे कई बार मुगल बादशाह मोहम्मद गौरी का युद्ध हुआ. उनकी हार के बाद मोहम्मद गौरी की सेना के कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस किले पर कब्जा कर लिया.

 कैसे पहुंचे फोर्ट तक

पहले, तारागढ़ किले तक इंदर कोट के माध्यम से एक खड़ी ट्रैकिंग पथ द्वारा यहां पहुंचा जा सकता था. लेकिन अब यहां टेढ़ी-मेढ़ी मोटर योग्य सड़क द्वारा पहुंचा जा सकता है.