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राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस ने नहीं लगाया मुस्लिम कैंडिडेट पर दाव, क्या हैं वजह ?

Rajasthan Lok Sabha election 2024: 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान होंगे. जिसमें राजस्थान की 12 सीट भी शामिल हैं. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टी ने किसी भी मुस्लिम कैंडिडेट को चुनाव में नहीं उतारा है. 

राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस ने नहीं लगाया मुस्लिम कैंडिडेट पर दाव, क्या हैं वजह ?

राजस्थान की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना हैं. इस बार चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही किसी भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया. जबकि हर चुनाव में कांग्रेस का एक मुस्लिम कैडिंडेट तो चुनाव में रहता है. पिछली बार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने चारू सीट से एक मुस्लिम कैंडिडेट खड़ा किया था.

हालांकि आजतक कांग्रेस का कोई भी मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव जीत नहीं सका है. आकड़ों में नजर डाले तो कांग्रेस ने 2009 में चूरू से मकबूल मंडेलिया, 2014 में टोंक-सवाईमाधोपुर से पूर्व क्रिकेटर मो. अजहरूद्दीन और 2019 में चूरू से ही रफीक मंडेलिया को टिकट दिया था. लेकिन सभी प्रत्याशी काफी बड़े अंतर से चुनाव हारे थे.

वही सियासी जानकार इसे कांग्रेस की रणनीति बता रहे है. कांग्रेस ने इस चुनाव मे ओबीसी पर ज्यादा फोकस किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस बीजेपी के वोटों में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. इसलिए पार्टी में शामिल जाटों को टिकट दिया जा रहा है. राजस्थान में जाट कांग्रेस  के वोटर माने जाते है. पिछले दो चुनावों से ये वोट कांग्रेस छिटक रहा था. इस बार कांग्रेस ने ओबीसी वोटो पर फोकस किया है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि उसे कोई योग्य कैंडिडेट नहीं मिला.   

कांग्रेस का ओबीसी पर खास फोकस

इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का ओबीसी पर खास फोकस है. इस बार कांग्रेस ने 8 सीटों में जाट प्रत्याशी चुनाव में उतारे है. सीकर, नागौर जयपुर ग्रामीण, बड़ामैर, जैसलमेर, चूरू और झुंझनू से जाट उम्मीदवार को टिकट दिया है.  जबकि कांग्रेस ने इश बार एक ही मुस्लिम को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है.