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डेंगू की चपेट में राजस्थान, अस्पतालों में बढ़े मरीज, बाड़मेर में मलेरिया के सबसे ज्यादा केस

राजस्थान में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते मरीजों की संख्या 10,000 से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। जयपुर, उदयपुर, और बीकानेर जैसे प्रमुख शहरों में डेंगू के मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। 

डेंगू की चपेट में राजस्थान, अस्पतालों में बढ़े मरीज, बाड़मेर में मलेरिया के सबसे ज्यादा केस

राजस्थान में डेंगू का प्रकोप इन दिनों गंभीर रूप धारण कर चुका है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, 31 अक्टूबर तक राज्य में डेंगू मरीजों की संख्या 10,000 का आंकड़ा पार कर गई है। जयपुर में सर्वाधिक 1,191 मरीजों की पुष्टि हुई है, वहीं उदयपुर में 1,077 और बीकानेर में 803 मामले सामने आए हैं। ऐसे में, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरतते हुए पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। दीपावली के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर था, और मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में 24 घंटे चिकित्सकीय स्टाफ की तैनाती की गई थी।

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कोटा में डेंगू के मरीज

कोटा में डेंगू से दो मरीजों की मौत ने चिंता को और बढ़ा दिया है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और रोकथाम के उपायों पर विशेष ध्यान दे रहा है। कोटा में अब तक 330 से अधिक डेंगू पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसके कारण वहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है। बीकानेर में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

बाड़मेर में ड़ेंगू के केस बढ़े

इस बीच, प्रदेश में मलेरिया के मामलों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। खासकर बाड़मेर में, जहां राज्य के कुल मलेरिया मामलों का लगभग 25% हिस्सा दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में मलेरिया के मामलों में मामूली कमी आई है, लेकिन डेंगू की भयावहता बनी हुई है। चूंकि डेंगू के मरीजों को ठीक होने में औसतन 4-5 दिन लगते हैं, इसलिए अस्पतालों पर अत्यधिक भार पड़ा है। बढ़ती संख्या के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त वार्डों की व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को उचित देखभाल मिल सके।

डेंगू और मलेरिया के लिए इलाज

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है और लोगों को जागरूक करने के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे मच्छरों के काटने से बचने के लिए सावधानी बरतें और घरों के आसपास पानी जमा न होने दें।