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आजादी के 76 साल बाद भी राजस्थान के इस गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से हैं वचिंत

झालावाड़, देश भर में लोकसभा चुनाव चल रहा है. जहां एक तरफ चुनाव प्रचार के दौरान नेता देश में हुए विकास कार्यों का ढिंढोरा पीट रहे है. वहीं दूसरी तरफ आजादी के 76 साल बाद भी राजस्थान के झालावाड़ जिले के तहसील गंगधार में आज भी एक ऐसा गांव मौजूद है. जहां रहने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वचिंत है.

आजादी के 76 साल बाद भी राजस्थान के इस गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से हैं वचिंत

झालावाड़, देश भर में लोकसभा चुनाव चल रहा है. जहां एक तरफ चुनाव प्रचार के दौरान नेता देश में हुए विकास कार्यों का ढिंढोरा पीट रहे है. वहीं दूसरी तरफ आजादी के 76 साल बाद भी राजस्थान के झालावाड़ जिले के तहसील गंगधार में आज भी एक ऐसा गांव मौजूद है. जहां रहने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वचिंत है.

देश में विकास के नाम पर मंचों से जनप्रतिनिधि और प्रशासन भले ही कितना ही ढिंढोरा पीट ले. लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उसके उलट है. आजादी के दशकों साल बीत जाने के बाद भी देश में कुछ ऐसे गांव है. जहां अभी तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाई है. वहां रहने वाले लोग आज भी  मूलभूत सुविधाओं से वचिंत है. ऐसा ही एक गांव राजस्थान के झालावाड़ के तहसील गंगधार के अंतर्गत स्थित हाजड़िया कंजरो डेरो गांव है. जहां मूलभूत सुविधाएं मौजूद नहीं है.

इन तस्वीरों से आप वहां की जमीनी हकीकत को समझ सकते है. गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि गांव में स्कूल बने तो कई साल होगे, लेकिन अभी तक स्कूल में एक भी अध्यापक नहीं आ पाया हैं. गांव में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों को कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है. ना ही यहां कोई मकान है. यहां के लोग झोपड़ी में रहने को मजबूर है. ना ही लाइट की किसी तरह की कोई व्यवस्था है, ना ही गांव में आने जाने के लिए सड़क है.              

ग्रामीणों ने कहा कि अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि की नजर इस ओर नहीं पड़ी है. एक तरफ देश अमृत महोत्सव मना रहा है और इस गांव में अभी तक मूलभूत सुविधाएं तक नहीं पहुंच पाई है. ग्रामीणों ने गुहार लगाते हुए कहा कि शासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.