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मेयर की कुर्सी पर गिरी फॉल सीलिंग, जयपुर नगर निगम में सुरक्षा पर उठे सवाल

राजस्थान के ग्रेटर निगम में सभासद सदन की फॉल सीलिंग अचानक टूटकर मेयर की कुर्सी पर गिरने से हड़कंप मच गया। यह घटना उस समय हुई जब सदन में कोई मौजूद नहीं था। इस घटना ने नगर निगम की सुरक्षा और रखरखाव मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है।

मेयर की कुर्सी पर गिरी फॉल सीलिंग, जयपुर नगर निगम में सुरक्षा पर उठे सवाल

राजस्थान के ग्रेटर निगम के सभासद सदन में एक घटना ने सभी को चौंका दिया। सभासद सदन की फॉल सीलिंग अचानक टूटकर मेयर की कुर्सी पर गिरी, यह घटना उस समय हुई जब सदन में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, या सभासद उपस्थित नहीं था। इस तरह से फॉल सीलिंग का अचानक टूटना एक गंभीर घटना है।

ग्रेटर निगम की फॉल सीलिंग का टूटना एक बड़ी चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है। यह घटना सुरक्षा मानकों के प्रति लापरवाही का संकेत है। यदि उस समय कोई नीचे बैठा होता तो गंभीर घायल हो सकता था।

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कांग्रेस नेता ने की कार्रवाई की मांग

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के मुख्य सचेतक और कांग्रेस नेता गिरिराज खंडेलवाल ने इस पर उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है। महापौर, कमिश्नर और उपायुक्त के बैठने की जगह पर फॉल सीलिंग का इस तरह से गिरना कई तरह के सवाल उठाता है।

उन्होंने कहा कि, यदि यह हादसा, बोर्ड मीटिंग के दौरान होता तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इसलिए इसको सामन्य घटना की तरह नहीं लिया जाना चाहिए, जिम्मेदार दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी आवश्यक है।

नगर निगम पर भरोसा नहीं

नगर निगम के अफर जयपुर शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सही करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन खुद की बिल्डिंग का कोई भरोसा नहीं है। इस सीलिंग के गिरने की वजह सदन में भरे बारिश का पानी को बताया रहा है।

बिल्डिंग में पानी भरा

दरअसल पिछले 5 दिनों से नगर निगम ग्रेटर की बिल्डिंग में पानी भरा हुआ था। ऐसे में सदन की सीलिग महापौर की कुर्सी के उपर गिर गई जिससे हडंकप मचा है और लोग इस पर तरह-तरह की बाते कर रहे हैं।

इस मामले पर अधिकारियों ने कहा कि बीते शुक्रवार को जब सभासदन को बंद किया गया था, तब सब कुछ सदन में सब कुछ ठीक था। लेकिन जब मगंलवार को सफाई के लिए सदन का खोला गया तो वहां का नजारा देख कर हर कोई हैरान रह गया।

इस 20-25 साल पुरानी सीलिंग पर यह सवाल उठता है कि क्या नगर निगम के इंजीनियर्स सिलिंग को देख कर उसकी मजबूत के बारे में पता नहीं लगा पाए थे। इस सदन में हर समय कोई ना कोई काम जैसे सोफे कारपेट रिपेयरिंग चलती रहती है लेकिन फॉली सिलिंग की मजबूती देखने में चूक हो गई।