Jaipur News : राजस्थान में धर्मांतरण कानून को मंजूरी, अब जबरन धर्म परिवर्तन पर होगी कड़ी सजा, पढ़ें पूरी खबर
कोई व्यक्ति या संस्था किसी को बल, छल या लालच के माध्यम से परिवर्तित करती है, तो उसे 3 से 10 साल तक दंडित किया जा सकता है।
राजस्थान में धार्मिक अस्मिता और सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में एक नई धर्मांतरण कानून को मंजूरी दी गई। इस प्रस्तावित कानून को "दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024" कहा जाएगा। इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति या संस्था किसी को बल, छल या लालच के माध्यम से परिवर्तित करती है, तो उसे 3 से 10 साल तक दंडित किया जा सकता है।
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धर्म परिवर्तन कानून पर बोले जोगाराम
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य में धर्म परिवर्तन की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, जिससे समाज में तनाव बढ़ता है। उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे कलेक्टर को 60 दिन पहले सूचना देनी होगी। लव जिहाद और जबरन रूपांतरण जैसे मामलों को रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
ओडिशा में 1967 में धर्मांतरण कानून लाया गया
विशेष रूप से, अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के लिए विवाह करता है, तो वो विवाह पारिवारिक न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित किया जा सकता है। ये अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय होंगे। मंत्री ने बताया कि राजस्थान से पहले कई राज्य, जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, कर्नाटक, और गुजरात में इस प्रकार के कानून पहले से लागू हैं। ओडिशा में तो सबसे पहले 1967 में धर्मांतरण कानून लाया गया था।
धर्म परिवर्तन से संबंधित मामले
ये कानून केवल धर्म परिवर्तन से संबंधित मामलों की रोकथाम के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को मजबूती देने और हर व्यक्ति के विश्वास की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए भी है।