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जयपुर के आस्था के केंद्र अक्षरधाम मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल

अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर है। यहां शानदार मूर्तियों और नक्काशी देखने को मिलती हैं, जो हरे भरे बागानों और फव्वारों से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में तीन प्रमुख मंडपम हरि मंडपम, विभूति मंडपम और प्रसादी मंडपम हैं।

जयपुर के आस्था के केंद्र अक्षरधाम मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल
akshardham jaipur

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित अक्षरधाम मंदिर, जयपुर के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है। मंदिर की सुंदर वास्तुकला, शानदार मूर्तियों और नक्काशी का आकर्षण का वजह है, तो वहीं हिन्दु भक्तों के लिए ये आस्था का केंद्र भी है। जयपुर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु इसी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। अक्षरधाम मंदिर हिंदु भगवान नारायण को समर्पित है, जो जयपुर में घूमने के लिए सबसे पवित्र और सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

जयपुर के अक्षरधाम मंदिर का कोई बहुत पुराना इतिहास नहीं है, इसका कारण है कि मंदिर को 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। यहां भगवान नारायण की मूर्ति को स्थापित किया गया है। भगवान नारायण की मूर्ति को सोने और चांदी के गहनों से सजाया गया है। ये मंदिर भक्ति, पवित्रता और शांति के साथ सनातन धर्म को बढ़ावा देने के मकसद से बनाया गया है।

अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला

अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर है। यहां शानदार मूर्तियों और नक्काशी देखने को मिलती हैं, जो हरे भरे बागानों और फव्वारों से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में तीन प्रमुख मंडपम हरि मंडपम, विभूति मंडपम और प्रसादी मंडपम हैं। हरि मंडपम में सोने की पत्ती से बनी भगवान स्वामीनारायण की सोने और चांदी के आभूषणों से सजी सात फुट ऊंची मूर्ति है। विभूति मंडपम में पीतल के कमल हैं, जबकि प्रसादी मंडपम में भगवान स्वामीनारायण के पवित्र अवशेष हैं।

क्यों खास है ये मंदिर?

जयपुर के अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भारतीय वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र के अनुसार किया गया है।‌ इस मंदिर में कई गुंबद हैं जिनमें साधुओं और आचार्यों के साथ ही देवताओं की मूर्तियां भी हैं। ये मंदिर बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण द्वारा निर्मित, स्वामीनारायण संप्रदाय के तहत बनाए गए थे। इस मंदिर को स्वामीनारायण मंदिर या स्वामीनारायण अक्षरधाम के रूप में भी जाना जाता है स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर परिसर के तौर पर दर्ज है।  

कब करना चाहिए दर्शन?

अक्षरधाम मंदिर पर्यटकों के लिए सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक और शाम 04.00 बजे से रात 8.15 तक खुला रहता है। प्रत्येक सोमवार मंदिर बंद रहता है। यहां सुबह मंगला आरती 06:00 बजे, शांगर आरती सुबह 07:30 बजे, राजभोग आरती 11:15 बजे, संध्या आरती शाम 07:00 बजे और शयन आरती – शाम 08:00 बजे से शुरू होती है। मंदिर में एंट्री फीस नहीं है।