Rajasthan News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे रेलवे कवच 4.0 का ट्रायल, राजस्थान से सवाई माधोपुर तक करेंगे यात्रा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' का परीक्षण किया। इस उन्नत सुरक्षा तकनीक को भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कवच 4.0, जो विभिन्न भौगोलिक स्थितियों में काम करने में सक्षम है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' का परीक्षण करने के लिए एक कवच-युक्त ट्रेन में यात्रा करेंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह यात्रा सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से इंदरगढ़ तक होगी, जो लगभग 45 मिनट की होगी।
ट्रेन के कई मापदंड़ो की होगी जांच
इस दौरान ट्रेन की विभिन्न गति पर दक्षता और सुरक्षा मापदंडों की जांच की जाएगी। खासतौर पर यह देखा जाएगा कि ट्रेन बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के लाल सिग्नल पर अपने आप रुकती है या नहीं। इस परीक्षण के दौरान मीडिया के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
क्या है ATP
'कवच' जिसे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ATP) भी कहा जाता है, भारतीय रेलवे के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा विकसित की गई है। यह तकनीक आपातकालीन परिस्थितियों में ट्रेन के ब्रेक को स्वचालित रूप से सक्रिय कर सकती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है।
पिछले आठ वर्षों से रेल मंत्रालय कवच प्रणाली पर काम कर रहा है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री वैष्णव ने बताया कि मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेलमार्गों पर कवच प्रणाली लगाने का काम चल रहा है और इसे मार्च 2025 तक पूरा करने की उम्मीद है।
नया संस्करण बड़े पैमाने पर होगा लागू
रेल मंत्री ने जानकारी दी कि कवच का नया संस्करण, कवच 4.0, 17 जुलाई 2024 को RDSO द्वारा मंजूर किया गया था और इसे विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लागू करने की तैयारी हो रही है। यह उन्नत प्रणाली पहाड़ी, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी इलाकों जैसी सभी भौगोलिक परिस्थितियों में संचार से जुड़ी चुनौतियों को सफलतापूर्वक संभालने में सक्षम होगी।
कवच के लिए तीन कंपनियों ने दी मंजूरी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि फरवरी 2016 में पहली बार 'कवच' का फील्ड परीक्षण किया गया था। इसके बाद से सिस्टम के स्वतंत्र मूल्यांकन के आधार पर इसकी आपूर्ति के लिए 2018-19 में तीन कंपनियों को मंजूरी दी गई थी। वर्तमान में दक्षिण मध्य रेलवे पर 1465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर कवच प्रणाली तैनात की जा चुकी है, जो यात्रियों की सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगी।