Bharat Raftar के Podcast में बोले VHP महामंत्री, 'मंदिर का प्रबंधन सरकार नहीं हिंदू समाज के हाथ में होना चाहिए'
विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने "भारत रफ्तार" कार्यक्रम में हिंदू समाज, मंदिरों की स्वायत्तता, जनसंख्या असंतुलन, और धर्मांतरण पर विचार रखे। परांडे ने कहा कि हिंदू मंदिरों की देखरेख हिंदू समाज को ही करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने विदेश धरती पर दिये राहुल गांधी के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी।
भारत रफ्तार के पॉडकॉस्ट कार्यक्रम के दौरान विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने हिंदू समाज, मंदिरों की स्वायत्तता, जनसंख्या असंतुलन, और धर्मांतरण जैसे कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि हिंदू मंदिरों की देखरेख सरकार के हाथों में नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे हिंदू समाज के द्वारा संचालित किया जाना चाहिए. क्योंकि सरकार में हर धर्म के लोग होंगे, जो धर्म के विषय में उतना शायद न जानते हों, जितना कोई हिंदू समाज से जुड़े लोग जानते होंगे.
वीडियो देखें - VHP के महामंत्री Milind Parande का एक्सक्लूसिव पॉडकास्ट || Exclusive Podcast || Bharat Raftar
राहुल गांधी पर क्या बोले मिलिंद परांडे?
VHP महामंत्री मिलिंद परांडे ने कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा भारत के बाहर दिए गए बयानों पर भी कमेंट करते हुए कहा कि भारत के बारे में कोई भी नकारात्मक बात बाहर जाकर नहीं बोलनी चाहिए. जिससे हमारे देश के गौरव में कोई दाग लगे. देश से बढ़कर कुछ भी नहीं होना चाहिए.
जनसंख्या पर रखी स्पष्ट सोच
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर मिलिंद का साफ कहना है कि हर हिंदू परिवार में कम से कम दो या तीन बच्चे होने चाहिए। परांडे ने यह भी कहा कि हिंदू समाज का जनसंख्या असंतुलन कई कारणों से हो रहा है, जिनमें मुस्लिम घुसपैठ, लव जिहाद, ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण, और घटती प्रजनन दर शामिल हैं। उन्होंने बजरंग दल की सक्रियता का समर्थन करते हुए बताया कि गायों की रक्षा, लव जिहाद के मामलों में हस्तक्षेप, और धर्मांतरण के खिलाफ काम अभी भी तेजी से चल रहे हैं। उन्होंने पंजाब में बढ़ते धर्मांतरण और चर्चों की बढ़ती संख्या को लेकर भी चिंता व्यक्त की.
'कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई'
परांडे ने कार्य़क्रम में हिंसक गतिविधियों और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी करने का विचार जाहिर किया. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं, तो हिंदू समाज अंततः पूरे मुस्लिम समाज को जवाबदेह ठहरा सकता है। राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद अब काशी और मथुरा के लिए भी काम होगा, लेकिन यह हिंदू समाज के संकल्प पर निर्भर करेगा। मिलिंद परांडे के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि वीएचपी हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हिंदुत्व को समावेशी बताते हुए इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनने देना चाहती।