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भाई की मौत का बदला लेने को थामी थी लुक्का ने बन्दूक, अब बना राजस्थान का सबसे बड़ा डकैत, जानें पूरी क्राइम कुंडली

धोलपुर, जिले के टॉप 10 कुख्यात डकैत धर्मेंद्र उर्फ लुक्का पर एडीजी दिनेश एमएन द्वारा इनाम की राशि को बढ़कर एक लाख रूपये कर दिया गया. डकैत को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है, अपराधी हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता है, कुख्यात डकैत धर्मेंद्र उर्फ लुक्का की कहानी कानपुर के विकास दुबे से मिलती जुलती है. आइए रिपोर्ट में डकैत लुक्का की कहानी को जानते हैं.

भाई की मौत का बदला लेने को थामी  थी लुक्का ने बन्दूक, अब बना राजस्थान का सबसे बड़ा डकैत, जानें पूरी क्राइम कुंडली

डकैत धर्मेंद उर्फ लुक्का की कहानी कानपुर में आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले विकास दुबे से कम नहीं है. लुक्का ने बदला लेने की नीयत से 15 साल पहले हथियार उठाया था. लुक्का ने भाई की मौत का बदला लेने के लिए साल 2009 में बूदंक का सहरा लिया. मर्डर करने के बाद धर्मेंद बीहड़ों में उतरा और देखते-देखते क्राइम की दुनिया का लुक्का बन गया. लुक्का का नाम 17 से ज्यादा संगीन अपराधों में मुख्य आरोपी के रूप में दर्ज है. साल 2017 में लुक्का पेरौल पर जेल से बाहर निकला और तब से वह फरार है. पुलिस लगातार उसको पकड़ने के लिए दबिश दे रही है. हाल ही में एडीजी दिनेश ने लुक्का पर 50 हजार रूपये के ईनाम को बढ़ाकर एक लाख रूपये कर दिया है. 

भाई की मौत का बदलने के लिए बना अपराधी

धर्मेंद्र के पांच भाई थे. सभी भाई मिलजुल कर एक साथ साधारण तरीके से गांव में रहा करते थे. तभी जमीन विवाद को लेकर बड़े भाई की हत्या कर दी गई. हत्या बड़े भाई के साले ने की थी. इसके बाद कुछ महीने  बाद धर्मेंद्र ने बदला लेने के लिए बंदूक उठाई और भाई के साले की खुलेआम दिन दहाड़े हत्या कर दी.  2009  में पुलिस से बचने के लिए धर्मेंद्र चंबल के बीहड़ों की ओर भाग गया. यहीं से धर्मेंद्र को लुक्का नाम की नई पहचान मिली और वह राजस्थान का सबसे बड़ा अपराधी बन गया. 

पुलिस से बचने के लिए बीहड़ में ली शरण

लुक्का ने साले की हत्या करने के बाद बचने का सिर्फ एक रास्ता बचा. वो रास्ता चंबल के बीहड़ की ओर जाता है. जहां लुक्का आराम से पुलिस से बच सकता था. क्योंकि उस वक्त पुलिस बीहड़ में जाने से काफी डरती थी. बीहड़ जाते ही लुक्का ने अपना पहला कदम क्राइम की दुनिया पर रख दिया. इसके बाद लुक्का ने राजस्थान में अपना आतंक मचाना शुरू किया और लूट, अपहरण, चौथ वसूली, मारपीट जैसे संगीन अपराध करना शुरू कर दिया.

बीहड़ में बनाई गैंग

लुक्का के नाम का डर धीरे-धीरे राजस्थान और बीहड़ के आस पास इलाके में फैलने लगा. जिसके बाद लुक्का को अपनी गैंग बनाने का विचार आया. देखते-देखते लुक्का ने बीहड़ में अपनी गैंग खड़ी कर ली. उसके बाद उसने बीहड़ और उसके पास के इलाकों में अपना आंतक मचना और तेज कर दिया. 

 जंगलों में रहे कर एसपी मृदुल कच्छावा टीम ने किया गिरफ्तार 

धौलपुर में एसपी मृदुल कच्छवा ने बीहड़ को डकैतों के गिरफ्त से मुक्त करने का अभियान शुरू किया और सिर्फ एक साल के अंदर उन्होंने 55 से ज्यादा डकैतों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा. लुक्का को गिरफ्त में लेने के लिए भी एसपी मृदुल ने ही जाल बिछाया था. करीब 2 महीने तक पुलिस की विशेष टीम उसके पीछे रेकी करती रही. आखिर पिछले सप्ताह ही धौलपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के जौरा इलाके में गांव घूघस और आसन नदी के पास घेराबंदी कर लुक्का काे धर दबोचा. उसके कब्जे से दो रायफल पचफैरा 315 बोर और 103 जिंदा कारतूस भी बरामद किए.   

मंत्री को दी थी धमकी

डकैत धर्मेंद्र उर्फ़ लुक्का ने अवैध चम्बल बजरी को भी बंदूक की नोक पर निकलवाया और इस धंधे में काफी लोगों को पैसा भी कमवाया. डकैत धर्मेंद्र को अपराध की दुनिया ने लुक्का के नाम से नई पहचान दी. इसके बाद डकैत धर्मेंद्र ने अपने सगे भाई रविंद्र उर्फ़ रवि को साथ ले लिया. गैंग में डकैत सीताराम, डकैत राकेश समेत आधा दर्जन सदस्य शामिल हो गए और लूट, फिरौती और अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम देने लगे थे. डकैत धर्मेंद्र उर्फ़ लुक्का साल 2017 में पैरोल से फरार हो गया था. इसके बाद उसने अपने अन्य साथियों के साथ साल 2020 में कांग्रेस सरकार के मंत्री रमेश मीणा और बाड़ी के कांग्रेसी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को धमकी भरे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये थे और यह वीडियो बीहड़ों में बनाये गए थे. इसके बाद डकैत धर्मेंद्र और उसके साथी चर्चा में आ गए थे.