Rajasthan By-Election: 'पांच पांडव' ने उड़ाईं कांग्रेस की नीदें ,उपचुनाव से पहले हुआ बड़ा 'खेला' !
राजस्थान उपचुनाव में नरेशा मीणा का 'पांच पांडवों' वाला स्लोगन कांग्रेस के लिए बनी नई मुश्किल! क्या हनुमान बेनीवाल और रविन्द्र सिंह भाटी दे देंगे मीणा को समर्थन? कांग्रेस का समीकरण बिगड़ने का खतरा!
राजस्थान में उपचुनाव मदतान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बीजेपी-कांग्रेस में बागी नेता अपने तेवर दिखा रहे हैं। टिकटों के ऐलान के बाद दोनों दलों में विरोध शुरू हो गया था हालांकि बीजेपी ने सीएम भजनलाल शर्मा को बागियों को मनाने की जिम्मेदारी दी थी,जिसमें वह सफल होते भी दिखाई दिए लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस के लिए खड़ी हो गई हैं। देवली-उनियारा सीट से नरेश मीणा ने निर्दलीय ताल ठोंक दी है। वह कांग्रेस के फैसले से खुश नहीं थे। इतना नहीं वह पांच पांडवों के स्लोगन के साथ मैदान में है। जिसका पोस्टर भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ऐसे में जानेंगे आखिर पांच पांडव स्लोगन के साथ मीण क्या साधने की कोशिश कर रहे हैं।
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आखिर क्या है पांच पांडव पोस्टर
दरअसल,जब से नरेश मीणा ने कांग्रेस के खिलाफ बगावती सुर अपनाएं हैं तबसे देवली-उनियारा सीट पर चुनौती बढ़ गई है। नरेश मीणा पांच पांडव स्लोगन के साथ मैदान में है। जिसमें वह राजकुमार रोत, हनुमान बेनीवाल, चंद्रशेखर आजाद और रविंद्र सिंह भाटी के बारे में बात कर रहे हैं। मीणा ने बीजेपी-कांग्रेस को चुनावों में हराने के लिए राजस्थान में अपना अलग औहदा रखने वाले इन नेताओं से समर्थन मांगा है। ये पोस्टर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। जो उपचुनाव में गठबंधन की ओर इशारा कर रहा है। इससे इतर एक और वीडियो वायरल हैं जहां हनुमान बेनीवल नरेशा मीणा को समर्थन देने की बात कर रहे हैं। अगर वह नरेशा मीणा को समर्थन देते हैं तो कांग्रेस-बीजेपी दोनों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए नई आफत
बहरहाल, एक तरफ बागियों से निपटने में बीजेपी कामयाब रही तो कांग्रेस में लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। चुनावों से पहले देवली उनियारा सीट से नरेश मीणा को प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन पार्टी ने इस सीट से विधायक से सांसद बनने वाले हरीश मीणा की सिफारिश पर कस्तूर मीणा पर दांव खेला है। बस यही बात नरेश को नगवार गुजरी और उन्होंने निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी। यदि नरेश मीणा को रोत से लेकर बेनीवाल और भाटी का समर्थन मिलता है तो इस सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ना तय है। बहरहाल,देखना दिलचस्प होगा कांग्रेस इस मसले को कैसे शांत करती है।