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Jaipur News: सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए दोस्ती और लूट का खेल, जयपुर में चार गिरफ्तार

जयपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डेटिंग ऐप्स के जरिए भोले-भाले लोगों को मस्ती का झांसा देकर लूट रहा था। ग्रांडर और अन्य ऐप्स के माध्यम से लोगों को समलैंगिक संबंधों का ऑफर देकर बुलाया जाता था और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर न्यूड वीडियो बनाकर नकदी और बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे।

Jaipur News: सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए दोस्ती और लूट का खेल, जयपुर में चार गिरफ्तार

आजकल सोशल मीडिया पर नए तरह के ऐप्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, जिनमें अनजान लोगों से दोस्ती और मनोरंजन का झांसा दिया जाता है। इन ऐप्स के माध्यम से कुछ लोग बेकाबू मस्ती की उम्मीद रखते हैं, लेकिन कई बार इसका नतीजा भारी नुकसान के रूप में सामने आता है।

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जयपुर में हाल ही में एक ऐसी ही ऑनलाइन धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है, जहां डेटिंग ऐप्स के जरिए भोले-भाले लोगों को फंसाकर उन्हें लूटा जा रहा था। जयपुर ईस्ट क्षेत्र की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो "ग्रांडर" और अन्य डेटिंग ऐप्स के माध्यम से लोगों से संपर्क कर उन्हें फंसा रहा था।

कैसे लोगों को फंसाता था

यह गिरोह समलैंगिक संबंधों का ऑफर देकर लोगों को जाल में फंसाता था। पकड़े गए चार आरोपियों में सीकर, डीडवाना, अलवर और भीलवाड़ा के निवासी शामिल हैं, जिन्होंने ऑनलाइन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करके लोगों से दोस्ती की और फिर लूटपाट की वारदातें अंजाम दीं।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अपनी रणनीति से अनजान लोगों को मस्ती का ऑफर देकर एक किराए के कमरे में बुलाता था। वहां पहुंचने पर, बदमाश शिकार को फंसा कर उनके कपड़े उतरवाते और न्यूड वीडियो बनाते थे। इसके बाद उन्हें धमकी देकर नगदी और बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवाते थे।

कैसे करवाता था पैसे ट्रांसफर

डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौत्तम के अनुसार, यह गिरोह फर्जी आईडी और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा था ताकि उनकी पहचान छिपी रह सके। ये बदमाश क्यूआर कोड और फर्जी मोबाइल नंबरों के जरिए पैसे ट्रांसफर करते थे। इसके अलावा, पीड़ितों के मोबाइल फोन को रीसेट कर दिया जाता था ताकि उनके खिलाफ सबूत मिटाए जा सकें।

कई लोगों को बनाया शिकार

प्रताप नगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी मुनींद्र सिंह ने बताया कि इस गिरोह ने कई पीड़ितों को शिकार बनाया। दो पीड़ित सामने आए हैं, जिनमें से एक से 10,000 रुपये नकद और 2 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए गए, जबकि दूसरे से भी भारी मात्रा में नकदी लूटी गई। पुलिस अब इस गैंग की अन्य वारदातों की भी जांच कर रही है और बाकी पीड़ितों से संपर्क कर रही है।