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HC के आदेश पर जालोर के ओडवाडा गांव में 400 मकान हटाने पहुंचा प्रशासन, ग्रामीणों का विरोध जारी, ऐसी पहली कर्रवाई

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जालोर के ओडववाडा गांव में प्रशासन 440 मकानों को तोड़ने पहुंचा. इस कर्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध जारी है. पुलिस ने कुछ  गावों को हिरासत में लिया.

जालोर के ओडवाडा गांव में 440 मकान ओरण की भूमि पर बने हुए है. हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को इन मकानों को हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आदेश में कहा था कि 2 मई को सभी लोगों नोटिस जारी की जाए और 16 मई को मकानों का हटा दिया. आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार ने गांंव वालों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि सभी लोग 14 मई तक घरों को खाली कर दें. अगर 14 मई के बाद किसी ने घर खाली नहीं किया. तो प्रशासन 16 मई को घरों को तोड़ देंगा और घर में मौजूद समान को जब्त कर लेगा. 

  

आदेश के खिलाफ पूर्व सरपंच प्रमिला के नेतृत्व में गांव की महिलाओं ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा था. जिसमें बताया था कि वह सभी करीब तीन पीढ़ी से यहां रह रहे है. करीब 1 हजार मकान को तहसीलदार और सरपंच के माध्यम जमीन के पट्टे और सनद मिले थे. गांव के मक्के मकानों में तो बिजली और पानी के कनेक्शन भी प्रशासन द्वारा दिए गए है. 

2 भाईयों के विवाद पर कोर्ट ने लिया एक्शन

कुछ वर्ष पहले जमीन के बंटवारे को लेकर गांव के ही दो भाईयों के बीच विवाद हो गया. जिसके खिलाफ दोनों भाई कोर्ट चले गए. जहां जांच में पता चला कि गांव में 440 घर ओरण की भूमि पर बने हुए. जिस पर कोर्ट ने सभी घरों की नाप करवायी और सभी घर ओरण भूमि पर बने पाए गए.

20 लोग ला चुके हैं कोर्ट से स्टे 

गांव के सरपंच ने बताया कि आदेश के खिलाफ गांव के 20 लोगों ने जोधपुर जा कर आदेश ला चुके है. लेकिन गांव में एक बड़ी आबादी गरीब है. जो जोधपुर जाकर आदेश लाने में असमर्थ है. उनके मुताबिक गांव में जो सक्षम हैं उन्होंने स्ट ले आये है.