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पेरिस पैरालंपिक में अजीत सिंह और सुंदर ने दिलाई ऐतिहासिक जीत, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी बधाई

पेरिस पैरालंपिक-2024 में अजीत सिंह ने जैवलिन थ्रो में रजत और सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इन दोनों खिलाड़ियों की इस शानदार उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी।

पेरिस पैरालंपिक में अजीत सिंह और सुंदर ने दिलाई ऐतिहासिक जीत, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी बधाई

पेरिस में आयोजित पैरालंपिक-2024 में भारतीय एथलीटों ने एक बार फिर से अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। पुरुष जैवलिन थ्रो (एफ-46) श्रेणी में अजीत सिंह ने रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया, जबकि इसी स्पर्धा में सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक हासिल किया हैं। इन दोनों खिलाड़ियों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है।

बता दें कि अब तक किसी भी पैरालंप‍िक में भारत ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भारत ने अब तक पेरिस पैरालंप‍िक में 3 गोल्ड, 7 स‍िल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल के साथ 20 मेडल जीते हैं। इस बार ज‍िन ख‍िलाड़‍ियों ने मेडल जीते हैं उनमें 9 तो टोक्यो पैरालंप‍िक के पदकवीर भी रह चुके हैं।

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भजनलाल शर्मा ने दी बधाई

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, "अजीत सिंह और सुंदर गुर्जर की इस कामयाबी से देश-प्रदेश का नाम विश्व पटल पर रोशन हुआ है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल हमें गर्व है, बल्कि यह हमारे युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है। इनके प्रयासों से भारतीय खेलों का मान बढ़ा है और यह सुनिश्चित हुआ है कि हमारे खिलाड़ी किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत का लोहा मनवाने में सक्षम हैं।"

मुख्यमंत्री ने जताई उम्मीद

उन्होंने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों की मेहनत, संकल्प और लगन ने यह साबित कर दिया है कि हर चुनौती को पार कर, अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि इस सफलता से प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

अजीत सिंह और सुंदर गुर्जर का संघर्ष

श्री अजीत सिंह और श्री सुंदर गुर्जर दोनों ही अपने-अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर चुके हैं, लेकिन उनके संघर्ष और समर्पण ने उनको आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया है। यह पदक न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण है। इस उपलब्धि से देश के युवाओं को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।