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'DAY ZERO' की ओर बढ़ रहा जयपुर, जौधपुर और जैसलमेर ! क्या राजस्थान में केपटाउन जैसे होंगे हालात ?

Water Crisis in Rajasthan: कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में इस गर्मी में पानी किल्लत को देखते हुए. इसकी तुलना साउथ अफ्रीका के केपडाउन से करने लगे है. साल 2015-18 तक केपटाउन में भी इस तरह पानी की किल्लत देखने को मिली थी. केपडाउन को दुनिया का पहला जल विहीन शहर घोषित किया गया है. 

'DAY ZERO' की ओर बढ़ रहा जयपुर, जौधपुर और जैसलमेर !  क्या राजस्थान में केपटाउन जैसे होंगे हालात ?

भारतीय विज्ञान संस्थान ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भारत के कुछ शहरों ने अगर अपने जल अपूर्ति के कुप्रबंधन को नहीं सुधारते है. तो जल्द ही इन शहरों का हाल साउथ अफ्रीका के केपटाउन से भी बुरा हो जाएगा. दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन साल 2015 से 2018 तक पानी की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ा था. लंबे समय तक औसत से कम बारिश की वजह से केपडाउन में पानी की कमी का सामना करना पड़ा था. जिस वजह से वहां के जलाशय का पानी का स्तर काफी कम हो गया था. मार्च 2023 में भारत का सिलिकॉन कहे जाने वाले बेंगलुरू में पानी की किल्लत से जूझना पड़ा था. 

बेंगलुरू में पानी की किल्लत का कारण

बेंगलुरु में पानी संकट का मुख्य वजह कावेरी बेसिन में कम बारिश का होना है. शहर की कुल जल आपूर्ति का 60 प्रतिशत कावेरी बेसिन से पूरा होता है. लेकिन कम बारिश होने के कारण भूजल स्तर निचले स्तर पर पहुंच गया है. केपटाउन की तरह ही बेंगलुरु का जलस्तर भी अपने निम्न स्तर पर था. जब केपटाउन में जल संकट था उस वक्त केपटाउन के थीनवाटरस्क्लोफ बांध अपनी क्षमता का केवल 11.3 प्रतिशत ही भरा था. यही नहर केपटाउन शहर के लिए पानी का एकमात्र बड़ा स्त्रोत था. उसी तरह बेंगलुरु का केआरएस बांध अपनी क्षमता का 28 प्रतिशत से भी कम भरा है.

राजस्थान के इन शहरों में हो सकती है पानी की किल्लत

भूजल विभाग की रिपोर्ट के मुकाबिक साल 2025 में राजस्थान के जयपुर, अजमेर, जोधपुर समेत तमाम बड़े शहरों में पानी बचेगा ही नहीं, क्योंकि राजस्थान में बारिश और अन्य स्त्रोतो से जितना पानी भरा जाता है. उससे करीब  5.49 बिलियन क्यूबिक मीटर ज्यादा पानी शहरों में इस्तेमाल किया जाता है. राजस्थान अपनी जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर रहा है. 

केंद्रीय भू जल बोर्ड और राजस्थान के भूजल विभाग की डायनामिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स रिपोर्ट में जयपुर, अजमेर, जैसलमेर और जोधपुर में पानी की उपलब्धता का आकलन शून्य बताया गया है. मौजूदा हालात भी अच्छे नहीं हैं. भूजल विभाग के चीफ इंजीनियर सूरजभान सिंह का कहना है कि स्थिति काफी भयावह है. आने वाले दिनों में जल संकट की समस्या और भी गंभीर होगी.