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Bharatpur News: निर्दलीय विधायक ने खोला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा, इस मांग को लेकर अड़ी

पांचना बांध के गेट खुलने से काफी समय बाद गंभीर नदी में पानी पहुंचा है। सोमवार को गंभीर नदी में सेवाला बारैठा तक पानी पहुंच गया। लेकिन प्रशासन चाहता है कि यह पानी अपने अजान बांध के सहारे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचे।

Bharatpur News: निर्दलीय विधायक ने खोला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा, इस मांग को लेकर अड़ी

गंभीर नदी से पानी की डायवर्जन को लेकर बयाना विधायक और उनके पति की मनमानी सामने आई है। इस दौरान बयाना विधायक के पति और एडिशनल एसपी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। प्रशासन के मना करने के बावजूद विधायक और विधायक के पति ने सेवाला बारैठा हैड का गेट खोलकर पानी रूपबास की तरफ बहा दिया। जबकि प्रशासन की प्राथमिकता केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पानी पहुंचाना था।

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जानकारी के अनुसार पांचना बांध के गेट खुलने से काफी समय बाद गंभीर नदी में पानी पहुंचा है। सोमवार को गंभीर नदी में सेवाला बारैठा तक पानी पहुंच गया। लेकिन प्रशासन चाहता है कि यह पानी अपने अजान बांध के सहारे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचे। लेकिन इस दौरान बयाना रूपवास विधायक रितु बनावत अपने पति ऋषि बंसल के साथ सेवाला बारैठा हेड पर पहुंच गईं।

डायवर्जन की मांग पर कलेक्टर से बात

रितु बनावत ने जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव से फोन पर बात करते हुए विधानसभा क्षेत्र के गांव रूपवास की ओर पानी की डायवर्जन की मांग की। लेकिन जिला कलेक्टर का कहना है कि पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से निर्देश हैं, उसके बाद देखा जाएगा। लेकिन विधायक ने कहा कि हम किसी से बंधे नहीं हैं, हम जनता के हैं, जनता जैसा चाहेगी वैसा ही करेंगे।

एडिशनल एसपी और विधायक के पति केे बीच तीखी नोकझोंक

इसी बीच एडिशनल एसपी राम कल्याण मीना विधायक रितु बनावत के पति से बात कर रहे थे। लेकिन विधायक के पति जबरदस्ती और तानाशाही रवैये में गेट खोलने को कहते हैं। इस दौरान दोनों के बीच तीखी नोकझोंक होती है। पुलिसकर्मियों द्वारा एडिशनल एसपी और विधायक के पति को अलग किया जाता है। लेकिन जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों के मना करने के बावजूद विधायक के पति और विधायक रितु बनावत ने सेवाला बारैठा हैड के रूपवास की तरफ पानी की डायवर्जन के लिए गेट खोल दिए।

गहरे संकट में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के लिए स्वर्ग है। यहां 350 से अधिक देशी-विदेशी पक्षी निवास करते हैं। लेकिन पानी की कमी के कारण यह विश्व धरोहर खतरे में है। जिला प्रशासन ने कई बार पंचना बांध से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए पानी की मांग की थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी। मानसून की बारिश के कारण पंचना बांध में पानी की क्षमता अधिक है और पानी की डायवर्जन के लिए गेट खोल दिए गए हैं। गंभीर नदी की मदद से यह पानी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचेगा।